मुंगेरः धर्म और मजहब की दीवार को तोड़कर दोनों पैरों से दिव्यांग आमिर उल इस्लाम (Amir Ul Islam) ने लोगों के लिए एक मिसाल पेश की है. आज की भागमभाग भरी जिंदगी में जहां रिश्तों की कद्र खत्म हो गई है, वहीं आमिर अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर रोज फुटपाथ पर सो रहे असहाय भूखे लोगों को भोजन (Feed The Hungry) कराते हैं.
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आमिर दोनों पैर से विकलांग हैं. कहीं भी आने-जाने के लिए उन्हें ट्राइसाइकिल का सहारा लेना पड़ता है. पिछले 10 सालों से आमिर ने आमिर ने अपने ट्राई साइकिल के पीछे में एक बक्सा बना रखा है और इसे नाम दिया है 'रोटी बॉक्स'. आमिर इस रोटी बॉक्स में लगभग 15 से 20 लोगों का खाना पैककर रात में चौराहे की तरफ निकल पड़ते हैं.
इसके बाद चौराहों और फुटपाथ पर भूखे सो रहे बेसहारा, बेबस और लाचार लोगों को खाना खिलाते हैं. आमिर इस काम को एक मिशन के तौर पर कर रहे हैं. और उन्होंने इेस नाम दिया है 'कोई भूखा ना सोए. रोटी बॉक्स में आसपास के लोगों से रोटी-सब्जी या बेकरी के दुकान से खाने पीने के सामान को वे शाम में ही इकट्ठा कर लेते हैं. अगर कहीं से खाना नहीं मिल पाता है तो वे अपने घर से ही खाना बनाकर लोगों को खिलाते हैं.
आमिर 'कोई भूखा ना सोए' मिशन के तहत रोज रात 8:00 बजे से लोगों को खाना खिलाने निकल पड़ते हैं. वे मुंगेर शहर के 5 किलोमीटर क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले विभिन्न फुटपाथ एवं चौक चौराहों पर सोने वाले बेसहारा लोगों को भोजन बांटते हैं. भोजन के लिए वह किसी के श्राद्ध, बर्थडे या शादी विवाह कार्यक्रम में जाते हैं, जहां से बचे हुए खाना को लेकर लोगों के बीच बांटते हैं.