मुंगेर: वैज्ञानिक तरीके से खेती (scientific farming) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाये हैं. इसी के तहत अब खेती में ड्रोन के उपयोग (use of drones in agriculture) को लेकर सरकार गंभीर है. ड्रोन से फसलों पर रासायनिक का छिड़काव करने के लिए किसानों को ड्रोन खरीद पर 40% से 100% तक का अनुदान (subsidy on purchase of drones for agricultural work) दे रही है. ड्रोन के माध्यम से कम समय में बेहतर छिड़काव हो जाएगा. इससे समय और श्रम की बचत होगी. इसको लेकर किसानों के चेहरे पर खुशी है.
क्या है ड्रोन तकनीक, कैसे करें इसका उपयोग?
ड्रोन फसलों पर रासायनिक छिड़काव करने का एक साधन है. इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ वैज्ञानिक अशोक कुमार ने बताया कि किसान ड्रोन से विभिन्न तरह के रासायनिक का छिड़काव फसल पर कम समय में अधिक भूमि पर कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि 10 लीटर क्षमता वाले ड्रोन से 1 एकड़ फसल पर मात्र 5 मिनट में छिड़काव हो जाता है.
इससे लागत और मानव बल में भी कमी आएगी. इसके अलावा जहां पर मानव रहित छिड़काव करना कठिन एवं अधिक समय लेने के साथ-साथ रसायनों के उपयोग की क्षमता कम होती है, वहां ड्रोन द्वारा छिड़काव बेहतर विकल्प साबित हो रहा है. इससे ऊंचे पेड़, पहाड़ी, ढालू खेत तथा दलदल जमीन पर भी इस ड्रोन द्वारा छिड़काव कम समय में सुलभ तरीके से हो जाएगा.
ये भी पढ़ें:7 जिलों के किसानों ने सीखे सेब की खेती के गुर, उगा सकते हैं ताइवान का पपीता, बिना बीज वाला नींबू
ड्रोन खरीद पर मिलती है सब्सिडी
इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ने बताया कि केंद्र सरकार कृषि अनुसंधान संस्थान, कृषि प्रसार संस्थान एवं अन्य सरकारी संस्थानों को रासायनिक पदार्थों, कीटनाशकों, रोग नाशक एवं पोषक तत्वों, पौधों पर वृद्धि नियामक के छिड़काव हेतु शत-प्रतिशत अनुदान पर सरकार ड्रोन प्रदान कर रही है. इसके अलावा निबंधित कृषक, उत्पादक कंपनी या निबंधित किसानों के समूह को कृषि कार्य हेतु ड्रोन खरीद पर सरकार 75% अनुदान दे रही है. कृषि यंत्र बैंक के लिए 50% अनुदान दे रही है.