मुंगेरः बिहार के सोनपुर की तर्ज पर मुंगेर में भी 1 महीने का फर्नीचर मेला (Furniture Fair In Sitakund Munger) लगता है. सीताकुंड में माघी पूर्णिमा में लगने वाला यह मेला जिला का सबसे बड़ा मेला माना जाता है. जहां लकड़ी से बने समान की कीमत मार्केट रेट से काफी कम होती है. इसलिए दूर-दूर से यहां पर खरीदार आते हैं. लोगों के लिए यह मेला आकर्षण का केंद्र बना रहता है.
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मुंगेर जिले का फर्नीचर मेला सूबे में प्रसिद्ध है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सीताकुंड परिसर में फरवरी माह के माघी पूर्णिमा से शुरू होने वाला यह मेला मार्च माह के होली तक चलता है. 1 महीने तक चलने वाले फर्नीचर मेला में सूबे के आधा दर्जन से अधिक जिले के कारीगर और फर्नीचर दुकानदार यहां आकर अपनी दुकान लगाते हैं. यहां फर्नीचर के 100 से अधिक दुकानें सजती हैं.
गरीब परिवार के लिए यह मेला किसी बड़े शॉपिंग मॉल से कम नहीं होता है. यहां चौकी, पलंग, कुर्सी और टेबल बाजार से आधी कीमत में आराम से मिल जाता है. बिहार के कई जिले के दुकानदार यहां आकर लकड़ी के उत्पाद का दुकान लगाते हैं. 5 हजार रु में सनमाइका पलंग तो 10 हजार में बॉक्स पलंग मिल जाता है. बाजार में 15000 में मिलने वाला साधारण पलंग यहा पांच से छह हजार रुपये में मिल जाता है. इसलिए ग्रामीण और शहरी इलाके के लोग अपनी बेटियों की शादी के लिए यहां से पलंग खरीदने आते हैं.
यह फर्नीचर मेला अपने आप में अनूठा है. यह ग्रामीण इलाके में लगता तो है, लेकिन अब इसकी पहुंच दूर-दूर तक हो गई है. यहां बेगूसराय, कटिहार, सहरसा मधेपुरा ,भागलपुर, जमुई, लखीसराय खगरिया के भी लोग आकर खरीदारी करते हैं. यहां मात्र 5 हजार में साधारण सनमाइका वाला पलंग, 10 हजार में बॉक्स पलंग तो दीवान पलंग 20 हजार से ही मिल जाता है. सही वजह है कि दूर-दूर से यहां खरीदार पहुंचते हैं.
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'हम पिछले 10 साल से यहां फर्नीचर मेला में दुकान लगाते आ रहे हैं. माघी पूर्णिमा से शुरू होने वाला यह फर्नीचर मेला होली तक चलता है. हम इस बार दीवान पलंग को भी बेचने लाए हैं. यहां पर ग्राहक ऑर्डर देकर भी मनपसन्द पलंग चौकी बनवा सकते हैं'-योगेश नारायण शर्मा, दुकानदार
एक नजर यहां मिलने वाले सामान एवं उनकी कीमत
साधारण सनमाइका वाले पलंग की कीमत- 10 हजार रुपये