मुंगेर:कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि नया पुलिस शस्त्र विधेयक लोकतंत्र विरोधी है. उन्होंने कहा कि यह कानून अगर लागू होता है तो लोकतंत्र का खात्मा हो जाएगा. साथ ही और पुलिसिया राज शुरू हो जाएगा.
नीतीश कुमार की सरकार इसके जरिए बिहार में पुलिस राज कायम करना चाहती है. यह काला कानून है. नीतीश कुमार बिहार की जनता पर अंग्रेजों के जमाने का कानून थोपना चाहते हैं. उन्होंने राज्यपाल से इस कानून को खत्म करने की मांग की है.
इसे भी पढ़ें:सदन में हंगामें में शामिल दोषी विधायकों पर कारवाई करें अध्यक्ष: मंत्री रामसूरत राय
विधानसभा में हंगामे पर कड़ी प्रतिक्रिया
अनिल शर्मा ने विधानसभा के भीतर के हंगामे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार तानाशाही हो गई है. सदन में जो कुछ भी हुआ, वह बर्दाश्त के बाहर है. जिस तरह माननीय विधायकों को घसीट कर मारपीट करते हुए सदन से बाहर निकाला गया, वह कतई उचित नहीं है. सदन में मार्शल का ही प्रवेश होता है. ऐसे में सिविल पुलिस द्वारा कैसे अंदर जाकर विधायकों के साथ धक्का-मुक्की मारपीट की गयी?
ये भी पढ़ें:बिहार विधानसभा की घटना से सदन की गरिमा गिरी, सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर लगा रहे आरोप
सजा दिलवाने की मांग
अनिल शर्मा ने कहा कि माननीयों के साथ अगर ऐसा व्यवहार हुआ तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. आने वाले समय में सत्ता पक्ष को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. उन्होंने राज्यपाल से इस घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की. साथ ही कहा कि इस घटना में जो भी लोग शामिल है, उन्हें सजा दिलवाई जाए.
बिहार की जनता आक्रोशित है. क्या सचमुच इस तरह की सरकार चल सकती है? जहां जन प्रतिनिधित्वों को लातों से ,जूतों से पुलिस पिटती हो. गुस्सा विधायकों को नहीं बल्कि आम जनता को है. नीतीश जी की सरकार ने एक ऐसी परंपरा की शुरुआत की है, जिसका कल को जो सत्ताधारी दल है,उनको भी भुग्तभोगी होना पड़ सकता है. -अनिल शर्मा,कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष