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खाद के लिए मारामारी: भोर में 3 बजे से लाइन में लगते हैं किसान, फिर भी नहीं मिलती डीएपी और यूरिया

बिहार के सभी जिलों में रबी की फसल के लिए खाद की किल्लत (Fertilizer shortage for Rabi crops) देखने को मिल रही है. डीएपी और यूरिया के लिए किसान परेशान (Farmers worried about DAP and Urea) हैं. किसान व्यापार मंडल में सुबह 3 बजे ही खाद के लिए लाइन में लग रहे हैं, तो कहीं खाद के लिए किसान सड़क जाम कर रहे हैं. मुंगेर जिले में भी खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

मुंगेर में खाद की किल्लत
मुंगेर में खाद की किल्लत

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Published : Dec 4, 2021, 5:54 PM IST

मुंगेर:बिहार के मुंगेर में खाद की किल्लत (Shortage of fertilizers in Munger) हो गई है. खाद नहीं मिलने से किसान रबी फसल की बुआई नहीं कर पा रहे हैं, वहीं कई किसानों को रबी की फसल बुआई कर देने के बाद खाद नहीं मिलने से फसल बर्बाद होने का डर सता रहा है. इसके लिए किसान मुंगेर में खाद के लिए मारामारी (Fight for fertilizer in Munger) कर रहे हैं. जिले के लगभग सभी प्रखंडों में किसान व्यापार मंडल के सामने सुबह 3 बजे ही खाद के लिए लाइन में लग रहे हैं.

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लेकिन, सभी किसान खुशकिस्मत नहीं होते हैं. शाम 5 बजे गोडाउन बंद होने के समय तक कई किसानों को खाली हाथ ही लौटना पड़ता है. उस पर भी एक किसान को एक आधार कार्ड पर मात्र दो बोरा ही डीएपी और यूरिया खाद (DAP and Urea Fertilizer) दिया जाता है. इससे भी किसान काफी हलकान हो रहे हैं.

बात करें मुंगेर जिले के तारापुर प्रखंड की तो व्यापार मंडल के केयरटेकर नारायण पंडित का कहना है कि खाद की किल्लत वैसी नहीं है, जैसा किसान लाइन में लगकर दिखा रहे हैं. खाद की कालाबाजारी (Black Marketing of Fertilizers) बिचौलिया ना कर लें, इसके लिए ही आधार कार्ड सिस्टम लगाया गया है. ऐसे में किसान को थोड़ी परेशानी हो रही है, लेकिन खाद सभी को मिले इसके लिए यह सिस्टम लगाया गया है.

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तारापुर को धान का कटोरा कहा जाता है. धान की फसल कटाई के बाद रबी की फसल बोने के लिए किसानों ने खेत को तैयार कर लिए हैं. यहां दो पद्धति से खेती होती है. पहला बुवाई के पहले ही डीएपी और यूरिया खाद किसान खेत में डालते हैं. दूसरा कई किसान रबी की फसल बोने के 3 से 4 दिन के बाद डीएपी और यूरिया डालते हैं. ऐसे में बाजार में खाद की किल्लत होने से प्रखंड के दर्जनों गांव के किसान सीधे व्यापार मंडल खाद लेने के लिए पहुंच जाते हैं. खाद लेने के लिए लाइन में लगे महिला और पुरूष किसानों ने बताया कि वो 8 घंटे से लाइन में लगकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं.

सुबह 3 बजे से लाइन में लगे दर्जनों किसानों ने बताया कि एक आधार कार्ड पर मात्र दो बोरा ही डीएपी या यूरिया दिया जाता है. हम लोगों के पास 50-50 बीघा की अपनी-अपनी जमीन हैं. उसमें दो बोरा खाद से क्या होगा. सुबह 3 बजे ही खाद के लिए लाइन में लगते हैं, तो दोपहर 3 बजे तक खाद मिल पाता है. कई दिन तो ऐसा होता है कि दिन भर लाइन में लगने के बाद भी खाली हाथ ही लौटना पड़ता है. खेत में रबी की फसल बो चुके हैं और फसल खराब होने का डर लगता है.

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तारापुर प्रखंड के असरगंज पंचायत के चफा गांव के किसान रोहित चौधरी ने बताया कि बाजार में लाइसेंसी खाद दुकानदार दुकान में खाद नहीं होने की बात करते हैं. काफी मिन्नत के बाद यूरिया 400 रुपए और डीएपी 1600 रुपए प्रति बोरी के दर से किसान को देकर चुपचाप जाने को कहते हैं. किसानों ने कहा कि व्यापार मंडल में यूरिया 266.50 और डीएपी 1200 रुपए प्रति बोरी उपलब्ध कराया जा रहा है.

इधर, उचित मूल्य पर किसानों को खाद उपलब्ध कराने वाले व्यापार मंडल के केयरटेकर नारायण पंडित ने कहा कि किसानों को खाद उपलब्ध कराने के लिए स्टॉक थोड़ा कम है. अचानक सभी किसान खपत से ज्यादा की मांग कर रहे हैं. किसान शांति से धैर्यपूर्वक शालीनता के साथ लाइन में लगकर बारी बारी आएं, सभी किसानों को विभागीय नियमानुसार खाद उपलब्ध कराया जाएगा. व्यापार मंडल में खाद की कमी नहीं है.

खाद लेने के लिए सेंटर पर रोज आपाधापी मची रहती है. किसानों का बड़ा हुजूम दिनभर सेंटर पर बना रहता है. ऐसे में भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है. लगातार तारापुर थाना संग्रामपुर थाना, असरगंज थाना अपने-अपने क्षेत्र के व्यापार मंडल में भीड़ को नियंत्रित करने में लगे रहते हैं. खाद शांतिपूर्ण वितरण करवाने को लेकर तारापुर एसडीओ रंजीत कुमार, डीसीएलआर आदित्य कुमार झा, बीडीओ संजय कुमार, सीओ वंदना कुमारी बारी-बारी से व्यापार मंडल का जायजा दिनभर लेते रहते हैं.

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