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मुंगेर: केंद्र सरकार की निजीकरण नीति और आउटसोर्सिंग से घट रही रेल कर्मचारियों की संख्या - ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन

मुंगेर में संयुक्त महामंत्री ओमप्रकाश साव ने कहा कि केंद्र सरकार की निजीकरण नीति और आउटसोर्सिंग से रेल कर्मचारियों की संख्या घट रही है.

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मुंगेर

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Published : Aug 31, 2020, 9:13 PM IST

मुंगेर (जमालपुर):ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन कारखाना, शाखा जमालपुर कार्यालय में प्रेसवार्ता आयोजित की गई. केंद्रीय उपाध्यक्ष सत्यजीत कुमार, शाखा मंत्री मनोज कुमार और संयुक्त महामंत्री ओमप्रकाश साव ने संयुक्त रूप से जमालपुर कारखाना के कार्यभार को लेकर यह आयोजन किया.

इंजन का मरम्मती कार्य
केंद्रीय उपाध्यक्ष सत्यजीत कुमार ने कहा कि मुख्य मुद्दा डीजल इंजन पीओएच का कार्यभार समाप्त हो जाने पर विचार विमर्श किया गया. शाखा मंत्री मनोज कुमार ने कहा कि एशिया प्रसिद्ध रेल इंजन कारखाना में वाष्प इंजन का मरम्मती कार्य होता था.

पीओएच का कार्यभार बंद
वाष्प इंजन की संध्या नामक इंजन की अंतिम विदाई 30 नवंबर 1991 को की गई. तत्पश्चात मुख्य कार्यभार डीजल का रहा. बाद में संघर्ष के फलस्वरूप वॉक्स वैगन का कार्यभार मिला. रेल मंत्रालय के आदेशानुसार डीजल पीओएच का कार्यभार बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि डीजल का कार्य वर्ष 1982 से प्रारंभ किया गया था.

अतिरिक्त कार्यभार की आवश्यकता
डीजल समाप्ति के पश्चात यहां के कर्मचारियों को प्रशासन की ओर से दूसरे दुकानों में समायोजित किया जा रहा है. जबकि कारखाना में अतिरिक्त कार्यभार की आवश्यकता है. शाखा सचिव ने रेल मंत्रालय से मांग करते हुए कहा कि जमालपुर कारखाना के विकास के लिए ईएमयू, विद्युत इंजन पीओएच, टावर कार निर्माण, 175 टन हाइड्रोलिक क्रेन का कार्यभार उपलब्ध कराया जाए. जिससे जमालपुर कारखाना अपने गौरवमयी अस्तित्व को बरकरार रख सके.

कर्मचारियों की संख्या घटी
संयुक्त महामंत्री ओमप्रकाश साव ने कहा कि केंद्र सरकार की निजीकरण नीति और आउटसोर्सिंग के कारण कर्मचारियों की संख्या घट रही है. वर्ष 1990 में इस कारखाना में 15 हजार कर्मी कार्यरत थे. जो अब घटकर लगभग 7 हजार रह गए हैं. उन्होंने कहा कि ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन की सोच है कि कारखाना का जितना विकास होगा, उतना ही जमालपुर शहर का विकास होगा.

कई रेलकर्मी रहे मौजूद
यूनियन शहर के तमाम राजनैतिक दल, युवाओं, व्यापारियों और प्रबुद्ध नागरिकों से अपील करता है कि जमालपुर कारखाना के कार्यभार के मांग को लेकर अपनी-अपनी आवाज रेल मंत्रालय और भारत सरकार के पास पहुंचाने का कार्य करें. जिससे कारखाना में कार्यभार मिल सके.

अगर भारत सरकार और रेल मंत्रालय ने कारखाने को कार्यभार नहीं दिया तो, निश्चित ही ईआरएमयू संघर्ष करने के लिए बाध्य हो जाएगी. मौके पर बिक्की, संजय, गोपाल जी, मो. वहाउद्दीन, अनिल प्रसाद यादव सहित अन्य रेलकर्मी उपस्थित रहे.

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