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मुंगेर: सरकार के फैसले से सैकड़ों डाटा ऑपरेटर हुए बेरोजगार

मुंगेर में सरकार के फैसले से सैकड़ों डाटा ऑपरेटर बेरोजगार हो गये हैं. रोगी कल्याण समिति के कर्मी को कहा गया कि वे उर्मिला के साथ अनुबंध कर यहां कार्य कर सकते हैं.

munger data operators unemployed
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Published : Feb 23, 2021, 2:11 PM IST

मुंगेर:सरकार के एक फैसले से हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं. बिहार के सभी जिलों में बिहार प्रसाशनिक स्वास्थ्य मिशन के कार्यपालक सहायक सह डाटा ऑपरेटर7 वर्षों से और रोगी कल्याण समिति द्वारा चयनित डाटा ऑपरेटर पिछले 12 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न इकाइयों में कार्यरत थे. कार्यपालक सहायक डाटा ऑपरेटर को आउट सोर्सिंग मानकर स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार ने डाटा ऑपरेटर को उपलब्ध कराने लिए प्राइवेट एजेंसी उर्मिला इंटरनेशनल सर्विसेज लिमिटेड पटना को दे दिया. इस बाबत सभी जिलों के सिविल सर्जन को नवंबर 2020 तक उर्मिला इंटरनेशनल में मर्ज कराकर सेवा लेने या जो मर्ज नहीं करते है उन्हें, वापस चयनित करने वाले जिला पैनल को भेजने संबंधित पत्र भी निर्गत कर दिया गया.

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"अब डाटा ऑपरेटर का कार्य उर्मिला एजेंसी के कर्मी से ही कराना है. बीपीएसएम या रोगी कल्याण समिति के कर्मी को कहा गया कि वे उर्मिला के साथ अनुबंध कर यहां कार्य कर सकते हैं. वे लोग उर्मिला से नहीं जुड़े तो, लगभग 30 डाटा ऑपरेटर को यहां से विरमित करते उन्हें जिला में वापस भेज दिया गया. ऐसा नहीं है कि केवल मुंगेर में डाटा ऑपरेटर को जिला में वापस भेजा गया है. बल्कि पूरे बिहार के सभी जिलों में लगभग सैकड़ों डाटा ऑपरेटर जो उर्मिला में मर्ज कर ज्वाइन नहीं किए, उन्हें एक झटके में संबंधित जिलों में वापस भेज दिया"- डॉ. अजय कुमार भारती, सिविल सृजन

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12 वर्षों कार्य करने के बाद हुए बेघर
ये लोग विभिन्न इकाइयों पिछले 12 वर्षों से अनुबंध पर कार्यरत थे. अचनाक अब वापस भेज देने से ये लोग परेशान हैं. रोगी कल्याण समिति के कार्यपालक सहायक सह डाटा ऑपरेटर रोहित कुमार ने कहा कि हमलोग रोगी कल्याण समिति द्वारा चयनित होकर 2007 से कार्यरत थे. मैंने उर्मिला एनजीओ में जाकर कार्य नहीं किया, तो हमें कार्य से हटा दिया गया. हम तो जिला पैनल से भी नहीं आए थे. ऐसे में अब हम कहां जाएंगे? क्या 12 साल काम करने का यही सिला सरकार ने मुझे दिया है.

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