मुंगेर: माघ पूर्णिमा पर श्रद्धालु मुंगेर में गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. मान्यता है कि माघी पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगा नदी में स्नान करते हैं. इसलिए माघ पूर्णिमा के दिन जो भी गंगा स्नान करता है उसको सभी तरह के पुण्य की प्राप्ति होती है.
माघ पूर्णिमा पर स्नान और दान करने की परंपरा
कहा जाता है कि आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप घूल जाते हैं. इस दिन पितरों का श्राद्ध और गरीब व्यक्तियों को दान देना शुभ माना जाता है. गंगा स्नान करने आए श्रद्धालु मीना देवी ने बताया कि आज का दिन खास है इसलिए हम लोग सुबह सुबह गंगा स्नान करने आए हैं. गंगा स्नान कर गरीबों को दान करूंगी. पंडित ज्योतिष आचार्य अविनाश शास्त्री ने बताया कि माघ माह में देवता भी पृथ्वी पर आकर मनुष्य रूप में स्नान दान और जप करते हैं. आज के दिन सूर्य उदय से पहले स्नान पूजा-पाठ और दान करने से इंसान की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
घाटों पर लगी श्रद्धालुओं की भीड़ घाटों पर लगी श्रद्धालुओं की भीड़
माघ पूर्णिमा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ शहर के लाल दरवाजा घाट, कष्ट हरनी घाट, बबुआ घाट, सोझी घाट, बेलवा घाट, सुर मटका घाट,शंकरपुर घाट, श्यामपुर घाट, महुली घाट सहित एक दर्जन से अधिक विभिन्न घाटों में सुबह से ही उमड़ पड़ी है. स्नान के दौरान हादसा ना हो इसे लेकर घाटों पर नाव के साथ गोताखोरों की तैनाती की गई है. सदर अनुमंडल पदाधिकारी खगेश चंद्र झा ने लोगों के अपील कि है कि कोरोना संक्रमण को लेकर गंगा घाट पर स्नान के लिए एक साथ अधिक संख्या में लोग जमा ना हों. इसे रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग कर पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई है. गंगा घाट पर महिला-पुरुष जवान के अलावा गोताखोर की प्रतिनियुक्ति की गई है.
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सत्यनारायण व्रत की कथा का है विशेष महत्त्व
माघ माह के अंतिम पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान से तो विशेष पुण्य मिलता है. साथ ही श्रद्धालु आज के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा भी करते हैं.सत्यनारायण भगवान की पूजा के लिए केले का पत्ता, पंचामृत, पान, सुपारी, शहद, मिष्ठान, मौली, कुमकुम से पूजा अर्चना कर श्रीहरि से आशीर्वाद लेते हैं. माना जाता है कि आज के दिन सत्यनारायण की पूजा करने से सौभाग्य का वरदान मिलता है और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. पूर्णिमा का व्रत करने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
घाटों पर लगी श्रद्धालुओं की भीड़