मुंगेर:बिहार में कोरोना (Corona In Bihar) का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसको रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास में लगा है. लेकिन मुंगेर में तमाम कोशिशें फेल हो रही हैं. दरअसल नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत के गढ़ी ब्राह्मण टोला को कंटेनमेंट जोन ( Brahman Tola Containment Zone ) घोषित किया गया है. लेकिन यहां की एक सहायिका दूसरे गांव में बिना कोरोना जांच कराए ही बच्चों को पढ़ा रही है.
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कोरोना में सतर्क रहने की अपील लोगों से की जा रही है. ईटीवी भारत ने इस अपील का कितना असर हो रहा है जानने का प्रयास किया तो, कई लेवल पर लापरवाही देखने को मिली. कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद भी कई इलाकों को कंटेनमेंट जोन बनाकर घेराबंदी नहीं की गई है. वहीं कंटेनमेंट जोन से निकलकर लोग बाहर खुलेआम घूम रहे हैं.
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दरअसल नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत के गढ़ी ब्राह्मण टोला में 13 संक्रमित मरीज पाए गए हैं. इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. कंटेनमेंट जोन से निकलने वाले हर व्यक्ति का कोरोना जांच अनिवार्य है. लेकिन बिना अपना कोरोना जांच कराए एक सहायिका दूसरे गांव में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचकर बच्चों को पढ़ा रही हैं. ईटीवी भारत की टीम ने इस बाबत आंगनबाड़ी सहायिका नैना देवी (Anganwadi sahayika Naina Devi of munger) से बातचीत की. नैना देवी ने बताया कि, उन्होंने कोरोना टेस्ट नहीं कराया है. वहीं सहायिका बिना मास्क के ही बच्चों को पढ़ाती दिखी. सहायिका नैना देवी केंद्र संख्या 36 पर बच्चों को पढ़ा रही थीं.
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सहायिका नैना देवी ने स्वीकार किया कि, उन्होंने अपना कोरोना जांच नहीं कराया है और वह कंटेनमेंट जोन से निकलकर प्रतिदिन यहां आ रही हैं. उन्होंने कहा कि, मैं कंटेनमेंट जोन से बाहर निकलकर आंगनबाड़ी में बच्चों को पढ़ाने आना नहीं चाहती थी.