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मास्क के बाद अब जीविका दीदीयां बनाएंगी स्कूल के यूनिफॉर्म, मुंगेर में खुला पहला ट्रेनिंग सेंटर - मुंगेर में अधिकार जीविका महिला सिलाई प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र

कोरोना काल में मास्क निर्माण में अपनी उपयोगिता सिद्ध करने वाली जीविका दीदीयां अब नए मिशन पर हैं. स्कूली बच्चों की पोशाक अब जीविका दीदी (school uniform Making By Jeevika Didi In Munger) तैयार करेंगी. इसके लिए मुंगेर में बिहार का पहला अधिकार जीविका महिला सिलाई प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र खोला गया है. पढ़ें पूरी खबर..

school uniform Making By Jeevika Didi In Munger
school uniform Making By Jeevika Didi In Munger

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Published : Feb 19, 2022, 3:15 PM IST

मुंगेर:नारी सशक्तिकरण की दिशा में जीविका के निरंतर बढ़ते कदम के साथ मुंगेर जिला में बिहार के प्रथम स्टेट आफ द आर्ट सिलाई प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र (Bihar first art sewing training center in Munger) का शुभारंभ किया गया है. गरीब दीदियों के रोजगारोन्मुखी की दिशा में गौरीपुर, सफियाबाद मुंगेर में अधिकार जीविका महिला सिलाई प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्रमील का पत्थर साबित होगा. यहां आधुनिक सिलाई मशीन पर जीविका दीदियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के उपरांत वे यहां से जुड़कर स्कूली ड्रेस का उत्पादन करेंगी और आर्थिक रूप से सबल बनेंगी. सरकार की इस पहल से महिलाएं काफी खुश हैं.

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मास्क निर्माण में अपनी उपयोगिता सिद्ध कर चुकी है जीविका दीदी:कोविड-19 महामारी के दौरान जीविका दीदी के द्वारा मास्क बनाने के क्रम में सराहनीय कार्य (Face Mask Making By Jeevika Didi In Bihar) किया गया था. राज्य सरकार के प्राप्त निर्देशानुसार जीविका दीदी के द्वारा सभी जिलों में वृहद पैमाने पर मास्क निर्माण कर विभिन्न सरकारी विभाग जैसे शिक्षा विभाग एवं पंचायती राज विभाग को जरूरत के अनुसार उपलब्ध कराया गया था.

मास्क निर्माण का टास्क जीविका दीदियों ने 100% पूरा किया था. इसी क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि, राज्य के समस्त सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के पोशाक (स्कूल यूनिफार्म) का निर्माण जीविका समूह से जुड़ी हुई महिलाओं द्वारा किया जाएगा. जिससे उन्हें जीविकोपार्जन उपलब्ध कराया जा सकेगा. इसी को ध्यान में रखते हुए जीविका ने राज्य में 25 स्टेट आफ द आर्ट सिलाई प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्रों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया है.

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इन केन्द्रों में जीविका समूह की चयनित सदस्यों को सिलाई से संबंधित तकनीकी एवं पेशेवर प्रशिक्षण देश की प्रतिष्ठित संस्थाओं के माध्यम से निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा. उसी क्रम में बिहार का प्रथम केंद्र मुंगेर में खोला गया है. यहां से प्रशिक्षण उपरांत उत्पादक समूह से जुड़ी हुई जीविका सदस्यों द्वारा उक्त प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र पर स्कूल यूनिफार्म का उत्पादन प्रारंभ किया जाना है.

योजना के अंतर्गत जीविका समूह के सदस्यों को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक लाभ पहुंचाने एवं केन्द्र की शत प्रतिशत उत्पादन क्षमता के प्रयोग के लिए स्कूल यूनिफार्म बनाया जाएगा. इसके अतिरिक्त टेक्सटाइल सेक्टर की अन्य व्यावसायिक संस्थाओं के माध्यम से भी कार्य आदेश प्राप्त कर रेडीमेड वस्त्रों के निर्माण एवं आपूर्ति से जीविका दीदीयों को अधिकाधिक जीविकोपार्जन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाना है.

50 ग्रामीण जीविका दीदी सीख रही हैं आधुनिक मशीन से कपड़े तैयार करना: मुंगेर जिले के इस केंद्र में 50 से अधिक जीविका दीदी सिलाई मशीन पर काम करना सीख रही हैं और स्कूली ड्रेस भी बनाने लगी हैं. इस संबंध में जिला परियोजना पदाधिकारी जीविका के रितेश कुमार ने बताया कि, यह स्कूली ड्रेस सरकारी विद्यालयों में विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा और इनसे जो आमदनी होगी उस आमदनी से जीविका दीदी की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. सरकार बिहार के ग्रामीण महिलाओं को जीविका के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की जो पहल की है वह काबिले तारीफ है.

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1 सप्ताह में 1000 पोशाक तैयार करने का लक्ष्य:प्रशिक्षण व उत्पादन केंद्र के ब्रांच मैनेजर तरुण कुमार ने बताया कि अभी शुरुआती फेज में यह कार्यक्रम चल रहा है. सभी को प्रशिक्षण देने के बाद हम लोग एक सप्ताह में एक हजार पोशाक तैयार करेंगे. यहां के बने पोशाक बाजार से कम कीमत में मिलेंगे और अधिक टिकाऊ होंगे. यहां कम समय में अधिक उत्पादन आधुनिक मशीन के कारण संभव होगा. सभी महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. 60 यूनिट लगाए गए हैं.

बिहार सरकार द्वारा किया गया प्रयास अब जमीन पर हकीकत में दिख भी रहा है. जीविका से जुड़ी ग्रामीण महिलाएं इस केंद्र में प्रशिक्षण लेकर काफी खुश हैं और कह रही हैं अब हम आधुनिक मशीन से कम समय में अधिक उत्पादन और गुणवत्तापूर्ण कपड़े तैयार करेंगे जो बाजार से काफी कम कीमत में सुलभ उपलब्ध होगा.

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