मुंगेर:बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection In Bihar) के दौरान सरकार की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. महामारी रोकने के लिए सरकार ने सभी शिक्षण संस्थान 21 जनवरी तक बंद करने के निर्देश दे दिए हैं, साथ ही 8 बजे तक दुकानें बंद हो रही हैं. रात 10 बजे के बाद नाइट कर्फ्यू लागू है, लेकिन समाज कल्याण विभाग की लापरवाही देखिए अभी भी मुंगेर में आंगनबाड़ी केंद्र खुले (Anganwadi centers still open in Munger) हैं, जबकि कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. बिहार में लगभग 30 हजार से अधिक एक्टिव केस हैं और प्रतिदिन 3000 से 5000 के बीच संक्रमित मरीज मिल रहे हैं.
मुंगेर जिले के नया गांव इलाके में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 113 की सहायिका आभाकुमारी ने बताया कि हम लोगों को बंद करने का निर्देश नहीं है, क्या करें चलाना मजबूरी है. उन्होंने स्वीकार किया कि बच्चे इनफेक्टेड इलाके से भी यहां आ जा रहे हैं. बिना मास्क लगाकर आ जाते हैं, समझाने पर भी नहीं समझते हैं. कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे अधिक प्रभावित होंगे. ऐसा विशेषज्ञों ने पूर्व में कह रखा है. फिर भी समाज कल्याण विभाग बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने पर तुला हुआ है.
एक बानगी देखिए मुंगेर जिले में 1598 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र जिसमें 0 से 3 वर्ष के 40 बच्चे और 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए भी 40 संख्या निर्धारित है. अमूमन जिले में लगभग 1 लाख 25 हजार बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में प्रतिदिन पढ़ने आते हैं. ऐसे में अगर किसी सेंटर में एक बच्चा संक्रमित होगा, तो आंगनबाड़ी केंद्र के कितने बच्चों को संक्रमित कर देगा, यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. फिर भी सब कुछ जानते हुए विभाग मौन है और इनके पदाधिकारी कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं.
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