मुंगेर: जिले में वकीलों ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण न्यायिक कार्य से खुद को अलग कर लिया है. अधिवक्ताओं के इस निर्णय से कोर्ट परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है. उन्होंने बताया कि मुवक्किलों को भी इस बात की जानकारी दे दी गई है. वकीलों ने कहा कि व्यक्तिगत और सामाजिक सुरक्षा को देखते हुए ये कदम उठाया गया है.
जिले में कोरोना से मौत के बाद दहशत
बता दें कि 22 मार्च को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के श्रीमतपुर पंचायत के चुरम्बा गांव के रहने वाले एक शख्स की कोरोना पॉजिटिव होने से मौत हो गयी थी. इससे मुंगेर में दहशत का माहौल है. लोग अब ज्यादा सतर्क हो गए हैं. मुंगेर विधिक संघ का परिसर, न्यायालय परिसर हो या विधिक जागरूकता संघ परिसर सभी जगह सन्नटा नजर आ रहा है.
कोर्ट परिसर में पसरा सन्नाटा सावधानी ही सुरक्षा
मुंगेर बार एसोसिएशन के सचिव हिमांशु कुमार ने कहा है कि हम लोग सुरक्षा की दृष्टि से न्यायिक कार्य से अलग हुए हैं. वहीं, हाईकोर्ट का भी निर्देश है कि 31 मार्च तक किसी की हाजिरी नहीं देने के कारण बेल नहीं छूटेगी. अधिवक्ता ज्ञान चंद पटेल ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव ही सुरक्षा है. अधिवक्ता कन्हैया लाल कुंवर ने कहा कि हम किसी प्रकार का केस नहीं देख रहे.
इससे पहले जरूरी मामलों की हो रही थी सुनवाई
इससे पहले हाईकोर्ट के निर्देश पर पिछले दिनों मुंगेर व्यवहार न्यायालय में भीड़-भाड़ कम करने के लिए अधिवक्ताओं द्वारा जारी गेटपास के माध्यम से ही वकीलों का प्रवेश हो रहा था. कोर्ट में जरूरी वाद की ही सुनवाई हो रही थी. अब मुंगेर जिला पहला जिला है जहां वकीलों ने कोरोना वायरस के कारण अपने आपको न्यायिक कार्य से अलग कर लिया है.