पटना/मुंगेरः जिले में 26 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई गोलीबारी की घटना तूल पकड़ती जा रही है. मुंगेर में बिगड़ते हालात को देखते हुए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमित कुमार ने मुंगेर में मोर्चा संभाल रखा है. इसके अलावे पुलिस मुख्यालय ने बीएमपी 15 के कमांडेंट और अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के दो अधिकारी को भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय प्रशासन के सहयोग में लगाया गया है.
कैंम्प करते डीआईजी मनु महराज पहली गोली लोकल पुलिस द्वारा चली- रिपोर्ट
बता दें कि इससे पहले चुनाव डियूटी में तैनात सीआईएसएफ के जवानों ने जो रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी है, उसमें बताया गया है कि भीड़ पर पहली गोली लोकल पुलिस द्वारा चलाई गई थी. जिसके बाद वहां मौजूद सीआईएसएफ और सीआरपीएफ जवानों ने बचाव में फायरिंग की थी. मुंगेर कांड को लेकर सीआईएसएफ की गोपनीय रिपोर्ट ने सारे मामला को खोल कर रख दिया है. सीआईएसएफ की इस रिपोर्ट के बाद जिला पुलिस की मुश्किलें बढ़ गईं हैं.
तमाम हालात पर है अब प्रशासन की कड़ी नजर
एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार के मुताबिक मुंगेर में हालत नियंत्रण में है. बीएमपी की दो कंपनियों को वहां तैनात किया गया. घटना से आक्रोशित आम लोगों द्वारा गुरुवार को उपद्रव के बाद चुनाव आयोग के जरिए मुंगेर के डीएम और एसपी को हटा दिया गया. इसके बाद गृह विभाग के जरिए तत्काल नए डीएम रचना पाटिल और नए एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों को पदभार दिया गया. दोनों अधिकारी पदभार ग्रहण करने के बाद विधि व्यवस्था पर नजर रखे हुए हैं.
जितेंद्र कुमार, एडीजी मुख्यालय वहीं, BMP 15 के प्रतिनियुक्त कमांडेंट संजय सिंह को अविलंब मुंगेर के डीआईजी मनु महाराज को रिपोर्ट करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी किया है.
CISF द्वारा दी गई रिपोर्ट की फोटो देखें
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रिपोर्ट में बताया गया है कि पहली गोली स्थानीय पुलिस के जरिए चलाई गई थी जबकि मुंगेर पुलिस का कहना है कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई है. असामाजिक तत्वों के जरिए गोली चलाई गई थी. गोली में एक व्यक्ति की मौत हुई है और कई लोग घायल हुए हैं.
क्या है घटना क्रमः-
- प्रतिमा के विसर्जन के दौरान हुई फायरिंगःमुंगेर में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान 26 अक्टूबर को पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच गोलीबारी हुई. जिसमें एक 17 वर्ष नाबालिग युवक अनुराग पौदार की मौत हो गई. जिसके बाद हजारों की संख्या में मुंगेर की जनता ने सड़कों पर निकल कर उपद्रव किया. साथ ही एसपी लिपि सिंह को हटाने की मांग करने लगे. पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय पुलिस इस बात की थोड़ी भी आशंका नहीं थी कि युवक का मौत मामला इतना गरमा जाएगा.
- 29 अक्टूबर को दोबारा हुआ बवालःघटना के बाद पुलिस और सरकार से नाराज लोग दोषियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे, लेकिन कार्रवाई नहीं होने के बाद उग्र लोगों ने गुरुवार को एक बार फिर मुंगेर को आग के हवाले कर दिया. जिला मुख्यालय स्थित एसपी कार्यालय और एसडीओ आवास में जमकर तोड़फोड़ की. इस दौरान लोगों ने कई गाड़ियों में आग भी लगा दी है और थाने पर पथराव किया. एसपी लिपि सिंह के दफ्तर को भी निशाना बनाया गया.
- एसपी लिपि सिंह और डीएम राजेश मीणा हटाए गएःगुरुवार 29 अक्टूबर को फिर से शहर में भड़की हिंसा के बाद बिहार निर्वाचन आयोग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए मुंगेर की एसपी लिपि सिंह और डीएम राजेश मीणा को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी किया. इसके बाद गृह विभाग के जरिए तत्काल नए डीएम रचना पाटिल और नए एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों को पदभार दिया गया.
- नए एसपी और डीएम ने संभाली कमानः30 अक्टूबर को मुंगेर के नए डीएम रचना पाटिल और नए एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों को पदभार संभाला. आरोपों की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है. बीएमपी 15 के कमांडेंट और अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के दो अधिकारी को भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय प्रशासन के सहयोग में लगाया गया है.