मधुबनी: जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर पंडौल प्रखंड के भवानीपुर गांव में है प्रसिद्ध उगना महादेव मंदिर. यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं.
उगना महादेव: भगवान शंकर ने की थी यहां चाकरी, दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं भक्त
भगवान शिव यहां महाकवि विद्यापति के घर नौकरी करने आए थे. एक दिन घने जंगल में प्यास लगने पर उन्होंने उगना से पानी लाने को कहा पानी नहीं मिलने पर भगवान शंकर ने अपनी जटा से गंगा जल लेकर उन्हें पिलाया.
उगना महादेव मंदिर की कहानी
उगना स्थान के पंडा विजय चंद्र झा ने बताया कि भगवान शिव यहां अपने भक्त महाकवि विद्यापति के घर उगना के रूप में नौकरी करने आए थे. एक दिन घने जंगल में प्यास लगने पर उन्होंने उगना से पानी लाने को कहा. पानी नहीं मिलने पर भगवान शंकर ने अपनी जटा से गंगा जल लेकर उन्हें पिलाया. तब विद्यापति ने उनके पैर पकड़ कर उनसे उनकी पहचान पूछी. जिसपर भगवान शंकर ने उन्हें दर्शन देते हुए इसे राज रखने को कहा. एक दिन महाकवि की पत्नी उगना को गुस्से में लकड़ी से मारने जा रही थी तभी उनके मुख से निकल गया कि यह भगवान शंकर हैं. जिसके बाद भगवान वहां से अंतर्ध्यान हो गए.
सालों भर रहती है भक्तों की भीड़
बाद में विद्यापति की मनौती पर भगवान शंकर ने प्रकट होकर वहां शिवलिंग के रूप में रहने की बात कही. तभी से यहां सालों भर भक्तों की भीड़ रहती है. उपनयन, मुंडन सहित सभी शुभ काम यहां होते हैं. भगवान शंकर के होने के कई प्रमाण यहां मौजूद हैं.