मधुबनी: सीएए और एनआरसी के विरोध में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं ने सड़क पर उतरकर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया. यह मानव श्रृंखला मधुबनी जिला के बॉर्डर तारसराय से लेकर सकरी तक करीब 13 किलोमीटर लंबी बनाई गई थी. इस दौरान महिलाएं एक-दूसरे का हाथ पकड़कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
महिलाएं पोस्टर लेकर कर रही थी प्रदर्शन
महिलाओं ने संविधान बचाओ-देश बचाओ, मोदी-अमित फेक है, हम सब एक हैं, हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई हम सब हैं भाई-भाई, हिंदू-मुस्लिम एक हैं के नारे लगा रही थी. साथ ही महिलाएं हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रही थी. महिलाओं के मानव श्रृंखला का प्रतिनिधित्व पूर्व जिला पार्षद सदस्य शहीदा बानो कर रही थीं.
महिलाओं ने बनाया मानव श्रृंखला 'देश के अल्पसंख्यकों के साथ हो रहा है अन्याय'
पूर्व जिला पार्षद सदस्य शहीदा बानो ने बताया कि केंद्र सरकार सीसीए और एनआरसी लाकर देश के अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय कर रही है. अल्पसंख्यक समुदाय सहित हिंदू समाज पर भी खतरा है. सरकार देश की बेरोजगारी दूर नहीं कर पा रही है. देश के लोगों को नागरिकता नहीं मिल पा रही है. लेकिन केंद्र की सरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान देश की जनता को नागरिकता देने की बात कर रहे हैं, जो सरासर गलत है.
मुस्लिम समुदाय की हजारों महिलाओं ने मानव श्रृंखला बनाकर जताया विरोध बुर्का पहनकर महिलाओं ने बनाया मानव श्रृंखला
शहीदा बानो ने बताया कि सीएम नीतीश कुमार मानव श्रृंखला के माध्यम से अमन चैन की बात करते हैं. उसी तरह हम महिलाएं भी वैसे तो सड़क पर नहीं आती हैं. लेकिन देश पर खतरा आने पर महिलाएं सड़क पर बुर्का पहनकर उतरी हैं. मानव श्रृंखला के तहत अमन-चैन से प्रतिरोध कर रही हैं. उन्होंने बताया कि इस मानव श्रृंखला के माध्यम से सरकार से मांग करना चाहते हैं कि जो देश के संविधान पर जो खतरा है उसे बचाएं, ये बिल वापस लें. वहीं, इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस बल की भारी तैनाती की गई थी. हर चौक-चौराहे पर पुलिस बल की ड्यूटी लगाई गई थी.
महिलाओं का विरोध प्रदर्शन