मधुबनीः डिजिटल इंडिया के समय में भी मधुबनी के महादलित गांव के लोग आज भी विकास की राह देख रहे हैं. इस बस्ती में एक भी शौचालय नहीं है. लोग आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. यहां के लोगों को किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिलता है. चाहे वह इंदिरा आवास योजना हो, उज्जवला योजना हो या आयुष्मान योजना.
मधुबनी गांव के लोग खुले में शौच जाने को मजबूर
एक तरफ हम डिजिटल इंडिया की बात कर रहे हैं, लेकिन बदलते भारत में बिहार की एक तस्वीर यह भी है कि यहां एक भी शौचालय नहीं है. यहां आज भी महिलाएं और पुरूष खुले आसमान में शौच जाने को मजबूर है. यहां सौ घर महादलितों की बसती है. इस गांव में विकास के नाम पर केवल बिजली ही दिखती है.