मधुबनी: बिहार सरकार के पूर्व मंत्री कपिल देव कामत की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार काे मधुबनी जिला के मोतनाजे गांव पहुंचे. उनके साथ बिहार सरकार के कई मंत्री भी मौजूद रहे. उन्होंने पूर्व मंत्री कपिलदेव कामत की प्रतिमा का अनावरण (Nitish unveils Kapil Dev Kamats statue) किया. पुष्पांजलि अर्पित की सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी. भारी पुलिस बल तैनात किया गया था.
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पूर्व मंत्री कपिल देव कामत की प्रतिमा का अनावरण. नीतीश का किया स्वागतः कार्यक्रम में मिथिला के रीति रिवाज के अनुसार पूर्व मंत्री कपिलदेव कामत की बहू व बाबूबरही की विधायक मीना कामत (Babubarahi MLA Meena Kamat) ने नीतीश कुमार को पाग पहनाकर एवं सम्मानित किया. उन्हें मिथिला पेंटिंग भेंट की गयी. इस दौरान कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखने को मिला. इस मौके पर नीतीश कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कपिलदेव कामत के याेगदान काे याद किया.
कपिल देव कामत की प्रतिमा का किया अनावरण समता पार्टी के समय से साथ रहेः मुख्यमंत्री ने बताया कि 2020 में कपिलदेव कामत का निधन हो गया था. सरकार में वे मंत्री थे. 1995 सब लोग साथ थे. जब समता पार्टी बनी थी उस समय से साथ रहे. जल जीवन हरियाली की शुरुआत 2020 से पहले की गई थी. इस मौके पर उपेंद्र कुशवाहा, मंत्री संजय झा, शीला मंडल, मंत्री विजय चौधरी, लेसी सिंह, पूर्व मंत्री रामप्रीत पासवान भी मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री को मिथिला पेंटिग भेंट की. इसे भी पढ़ेंः बिहार में आरक्षण पर सियासत, पिछड़ा और अति पिछड़ा को साधने की कोशिश
"कपिलदेव कामत जी 1995 से हमलोगों के साथ थे. जब समता पार्टी बनी थी उस समय से साथ रहे. क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा अग्रसर रहे. उनके योगदान काे भुलाया नहीं जा सकता"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री को सम्मानित किया गया. कोरोना संक्रमण से हुई थी मौतः बता दें कि 15 अक्टूबर 2020 को बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत का निधन हो गया था. वे अस्वस्थ चल रहे थे. किडनी की बीमारी से पीड़ित रहे कपिलदेव कामत कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आ गए थे. कोरोना से संक्रमित होने के बाद उन्हें उपचार के लिए एम्स पटना में भर्ती कराया गया था.कपिलदेव कामत के स्वास्थ्य को देखते हुए जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया था. जेडीयू ने बाबूबरही सीट से कपिलदेव कामत की जगह उनकी बहू मीना कामत को चुनाव मैदान में उतारा था.