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कम लागत-अधिक मुनाफा, मशरूम की खेती से किसानों को हो रहा फायदा ही फायदा - practice of mushroom cultivation

मधुबनी जिले के लखनौर प्रखंड के कछूवी गांव की त्रिकला देवी अपने पति के साथ मशरूम की खेती कर रही हैं. मशरूम किसान त्रिकला देवी ने बताया कि हम पिछले 5 वर्षों से अपने पति ललन राम के साथ मशरूम की खेती कर रहे हैं.

मधुबनी
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Published : Sep 2, 2020, 11:01 PM IST

मधुबनी:मशरूम कि खेती आधुनिक युग की नई फसल है, जो वर्तमान में खेती का बेहतर विकल्प है. ये फसल कम लागत में अधिक मुनाफा देने के साथ ही मात्र 10×10 फिट के कमरे में भी बड़े आसानी से इसकी खेती की जा सकती है. इन्हीं खूबियों को देखते हुए इन दिनों जिले में लोग मशरूम की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं. साथ ही घर में बैठकर बहुत ही कम लागत में अच्छी आमदनी भी कर रहे हैं.

मधुबनी जिले के लखनौर प्रखंड के कछूवी गांव की त्रिकला देवी अपने पति के साथ मशरूम की खेती कर रही हैं. मशरूम किसान त्रिकला देवी ने बताया कि हम पिछले 5 वर्षों से अपने पति ललन राम के साथ मशरूम की खेती कर रहे हैं. हम अपने घर पर 10×10 फीट के 2 रूम में मशरूम की खेती करते हैं. इससे हमें अच्छी आमदनी भी हो रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

स्थानीय स्तर पर मशरूम की खेती
त्रिकला देवी ने बताया कि मशरूम का बीज 120 रुपये किलो मिलता है. इससे लगभग 10 किलो मशरूम तैयार होता है. वहीं 2 से ढाई सौ रुपए किलो की दर से इसकी बिक्री होती है. इस प्रकार मशरूम की खेती कम लागत में अच्छी कमाई का जरिया बन गया है. उन्होंने बताया कि कछुबी गांव के अन्य लोगों ने भी अब मशरूम की खेती शुरू कर दी है.

मशरूम किसान त्रिकला देवी

सरकारी मदद की आस
स्थानीय मशरूम किसान राम देवी ने बताया कि यह नए युग की नई फसल है. इसकी खेती परिवार का कोई भी सदस्य आसानी से कर सकता है. वहीं इसे तैयार करने में कम जगह की ही आवश्यकता होती है. मौके पर स्थानीय किसानों ने कहा कि सरकार द्वारा अब तक हमें किसी प्रकार की सहायता राशि नहीं मिल पाई है. हमें सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि मिलती तो हम इसकी वृहद पैमाने पर खेती कर सकते हैं.

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