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Madhubani News: बाल सुधार गृह से नाबालिग बच्चा फरार, खोजने में जुटे शिक्षाकर्मी - मधुबनी में बाल सुधार गृह

बिहार के बाल सुधार गृह में हर जिले में कुछ न कुछ खामियां ही देखने को मिलती है. ताजा मामले के अनुसार मधुबनी में लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद वहां के सुरक्षाकर्मी और वहां के कर्मचारी की नजर बचाकर एक नाबालिग बच्चा भी वहां से फरार हो गया. इससे साफ दिखता है कि बस सरकार पैसे बहाए जा रही है. लेकिन किसी तरह का कोई भी काम बाल सुधार गृह में नहीं हो रहा है.

मधुबनी में बाल सुधार गृह से नाबालिग फरार
मधुबनी में बाल सुधार गृह से नाबालिग फरार

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Published : Mar 31, 2023, 8:13 AM IST

मधुबनी:बिहार के मधुबनी में बाल सुधार गृह (juvenile home in Madhubani) में बड़ी लापरवाही देखने को मिली. शहर के बाल सुधार गृह का एक नाबालिग बच्चा फरार हो गया. दरअसल यहां पर 3- 4 दिन पहले एक नाबालिग बच्चे को लाया गया था. यहां बाल सुधार गृह में 5 सुरक्षा गार्डों के साथ कई और भी कर्मी उस बालक को संभाल नहीं पाए. तभी उस बालक ने सभी को चकमा देकर वहां से फरार हो गया. सूचना मिलने के बाद सभी कर्मियों के हाथ पांव फुलने लगे है. बच्चे की तलाशी करने में पूरी टीम लगी हुई है. लेकिन अभी तक वह बच्चा कहां है. इसकी कोई जानकारी नहीं मिली है.

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बाल सुधार गृह से फरार नाबालिग: एक बालक को वहां के सुरक्षाकर्मी अगर सही तरीके से रख नहीं पाए तब बाल सुधार गृह पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा होता है. क्योंकि सरकार की तरफ से बाल सुधार गृह के लिए सालभर में 50 लाख रुपये खर्च की जाती है. यहां पिछले 6 महीने से एक भी बच्चा नहीं आया था. जिससे यह पूरा गृह खाली पड़ा हुआ था. जबकि 4-5 दिन पहले यहां पर इस बच्चे को लाया गया था. उसे भी यहां मौजूद सभी कर्मी संभाल नहीं पाए. जानकारी के मुताबिक सुरक्षाकर्मी उस बच्चे का आधार कार्ड बनवाने गए थे. तभी उस बच्चे ने सुरक्षाकर्मियों को चकमा दिया और पोस्ट ऑफिस से फरार हो गया.

5 सुरक्षागार्ड समेत कई कर्मी को दिया चकमा:जानकारी के मुताबिक यहां बाल सुधार गृह में 5 सुरक्षा कर्मी के साथ ही 2 शिक्षकों और 10 से अधिक कर्मियों को रखा गया है. जहां कई तरह की व्यवस्था करने का कोई फायदा नहीं दिख रहा. जहां बाल सुधार गृह में लोग एक बच्चे को भी संभाल नहीं सके. बताया जाता है कि पिछले 6 महीने पहले यहां से सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के तहत उनके माता-पिता को सौंपा गया था. इन सब के बावजूद भी अगर कोई यहां बच गया था. उसे सरकार की तरफ से स्किल डेवलपमेंट के लिए पढ़ने को बाहर भेजा गया था.

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