मधुबनी : जिले में फर्जी तरीके से शिक्षक की नौकरी पाने का मामला प्रकाश में आया है. मामला लखनौर प्रखंड के आरएस ओपी थाना क्षेत्र के कैथिनीया मिडिल स्कूल का है. फर्जी शिक्षक का नाम बीना कुमारी है. वर्ष 2007 में हुए प्रखण्ड शिक्षक नियोजन के दौरान बीना कुमारी नाम की इस महिला शिक्षक का नियोजन हुआ था, जो अब भी कार्यरत है. हाईकोर्ट के आदेश पर निगरानी विभाग की जांच में जब नियोजन के समय जमा किए गए कागजातों व अंक-पत्रों (fake mark sheet) की जांच की गई तो इस जालसाजी का खुलासा हुआ.
शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा: 10वीं फेल महिला फर्जी अंक-पत्र देकर बन गई शिक्षक, अब जाएगी जेल
मधुबनी में एक महिला फर्जी अंक-पत्र (fake mark sheet) देकर वर्ष 2007 में सरकारी शिक्षक बन गई. अब जब उसके अंक-पत्र की जांच हुई तो पता चला कि वह दसवीं फेल (tenth failed woman) थी. निगरानी विभाग ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज (The vigilance department filed FIR) की है.
निगरानी विभाग की ओर से दर्ज हुई है प्राथमिकी: बीना कुमारी के खिलाफ फर्जी अंक-पत्र जमा करने के आरोप में आरएस ओपी थाने में निगरानी विभाग की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. निगरानी विभाग के पुलिस इंस्पेक्टर सत्येंद्र राम की ओर से दर्ज प्राथमिकी (The vigilance department filed FIR) के मुताबिक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मधुबनी की ओर से निगरानी विभाग को दिए गए फोल्डर को देखने के बाद पाया गया कि बीना कुमारी के पिता का नाम गोपीनाथ मिश्रा और पति का नाम सुबोध चौधरी है. वह दरभंगा जिले के दिग्गी दोनार की निवासी है. बीना का नियोजन 2007 में प्रखंड शिक्षिका के रूप में मध्य विद्यालय कैथीनियां में हुआ था. वह वर्तमान समय में भी इस विद्यालय में कार्यरत है.
आए थे 347 और परीक्षा में थी फेल :शिक्षिका बीना कुमारी के मैट्रिक के प्रमाण-पत्र में जन्मतिथि 2 मार्च 1970 और प्राप्तांक 407 दिखाया गया है. इससे पता चलता है कि शिक्षिका द्वितीय श्रेणी से इस परीक्षा में पास हुई है. जब बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को अंक पत्र भेजा गया तो उसमें इस रोल कोड और क्रमांक के परीक्षार्थी बीना कुमारी का कुल प्राप्तांक 347 पाया गया और उस परीक्षा में वह फेल हुई है. इस प्रकार से धोखाधड़ी करने के मामले को लेकर निगरानी ने आरएस ओपी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. इस घटना से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है. अब देखना है आने वाले समय में और कितने फर्जी शिक्षक सामने आते हैं. जांच के बाद ही इसका पता लग पाएगा.