मधुबनी: जिले के राजनगर स्थित विश्वेश्वर सिंह जनता महाविद्यालय मैदान में साहित्य कला का महाकुंभ कहे जाने वाले मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया गया है. ये फेस्टिवल चार दिन चलेगा. इस फेस्टीवल में मिथिलांचल के अलावा देश-विदेश के नामचीन विद्वान और साहित्यकारों ने भाग लिया.
मंगलवार को इस फेस्टिवल का उद्घाटन पद्म श्री से सम्मानित गोदावरी दत्त, एसएसबी 18वीं वाहिनी के कमांडेंट एके बलून और जिले के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने किया.
'5 सत्र में बांटा गया है लिटरेचर फेस्टिवल'
मौके पर इस फेस्टिवल की संचालिका दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. सविता झा ने बताया कि इस लिटरेचर फेस्टिवल को 5 सत्र में बांटा गया है. फेस्टिवल के माध्यम से बहुभाषिक समुदाय के धरोहर के समृद्ध साहित्य कला को मजबूत बनाया जाएगा. इसका उद्देश्य भावी पीढ़ी को उनके समृद्ध संस्कृति से परिचित कराने के लिए है.
मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज 'पलायन को रोकना है मकसद'
फेस्टिवल संचालिका डॉ. सविता झा ने कहा कि जिला अपना गौरवशाली अतित कहीं खो रहा है. इसके माध्यम से इतिहास साहित्य, संस्कृति और बौद्धिक परंपरा धरोहरों का संरक्षण कर नई पीढ़ी को अवगत कराया जाएगा. कार्यक्रम के माध्यम से क्षेत्र से विस्थापन और पलायन को रोकना एक अहम मकसद है.
डॉ. सविता झा, फेस्टिवल संचालिका 'मैथिली भाषा पर डाला जाएगा प्रकाश'
इस बाबत स्थानीय मैथिली विद्वान उदय चंद्र झा ने बताया की कार्यक्रम की संचालिका सविता झा की ओर से किया जा रहे इस फेस्टिवल का आयोजन प्रेरणा का स्त्रोत है. इस मंच के माध्यम से विद्वान यहां पर अपने विचारों का अदान-प्रदान करेंगे. मिथिला से विलुप्त होती जा रही संस्कृति को बचाने के लिए उनका यह प्रयास सराहनीय है.
मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का मुख्य द्वार