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मधुबनी: शादी के अगले रात ही दूल्हे की सांप काटने से हुई मौत, घंटो जारी रहा अंधविश्वास का खेल

अस्पताल में युवक को मृत घोषित करने के बाद उसके परिजन शव को वापस लेकर घर आए, जिसके बाद वे शव को फिर से तांत्रिक के पास ले गए. जहां तांत्रिक शव को पूरे दिन जिंदा करने की कोशिशें करता रहा. अंधविश्ववास का यह खेल घंटो जारी रहा.

मधुबनी
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Published : Jun 20, 2020, 3:54 AM IST

मधुबनी: जिले के हरलाखी थाना क्षेत्र के सुखवासी गांव में शादी के अगले रात ही एक दूल्हे की सर्पदंश से मौत हो गई. मृतक युवक की पहचान स्व. उमेश राय के 22 वर्षीय पुत्र नितिश कुमार राय के रूप में हुई. घटना के बाद से मृतक के परिजनों और नवविवाहिता का रो-रोकर बुरा हाल है. घटना गुरूवार की देर रात की है.

घंटो जारी रहा अंधविश्वास का खेल
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि बीतेबुधवार की रात को युवक की शादी बासोपट्टी थाना क्षेत्र के घाट मढिया गांव निवासी जोगिन्दर राय की पुत्री विनिता कुमारी से हुई थी. शादी की रात दोनों पक्षों में खुशी का माहौल था. दुल्हन के ससुराल आने के बाद गुरूवार की रात को युवक अपने कमरे मे सोने के लिए चला गया. कुछ देर बाद ही दुल्हन के रोने की आवाज सुनकर परिजन दुल्हन के कमरे में पहुंचे. जहां से वे युवक को सबसे पहले झाड़-फूंक के लिए ले गए. जब वहां उसकी स्थिति बिगड़ने लगी तो, परिजन उसे इलाज के लिए पीएचसी बासोपट्टी ले गए. युवक की गंभीर स्थिति को देखने के बाद चिकित्सकों ने उसे मधुबनी रेफर कर दी. जहां उसकी मौत हो गई..

शव को जिंदा करने की कोशिश
अस्पताल में युवक को मृत घोषित करने के बाद उसके परिजन शव को वापस लेकर घर आए, जिसके बाद वे शव को फिर से तांत्रिक के पास ले गए. जहां तांत्रिक शव को पूरे दिन जिंदा करने की कोशिशें करता रहा. अंधविश्ववास का यह खेल घंटो जारी रहा. तांत्रिक का अंधविश्वास का काला खेल कई घंटों तक चलता रहा. इस दौरान बच्चों से लेकर बूढ़े, सभी तमाशबीन बने रहे हैं. अंधविश्वास के चलते, झाड़-फूंक कराने में हुई देरी से युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी. युवक की मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. अगर उसे झाड़-फूंक के बदले सीधे अस्पताल लाया जाता तो, शायद युवक की जान बचाई जा सकती थी.

नोट-: ईटीवी भारत ऐसे अंधविश्वास का पूरजोर विरोध करता है. इस वैज्ञानिक युग में जहां हम चांद और मंगल पर जाने की बात करते हैं. वहीं, देश के कई गांवों में आज भी अंधविश्वास की बेड़ियां लोगों को जकड़े हुए है. ऐसे किसी भी अंधविश्वास का पुरजोर विरोध होना चाहिए. तर्क और विज्ञान ही हमारा सच्चा साथी हैं.

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