मधुबनी:कमला बलान नदी में आई बाढ़ की तबाही से हजारों लोगों की जिंदगी प्रभावित हुई है. इस बाढ़ में 340 पंचायत के 583 गांव बुरी तरह पानी में डूब गए. पलखा, औझल, नरुआर गांव के लोग 17 दिनों से लगातार बांध पर शरण लिए हुए हैं. सभी एक ही प्लास्टिक के सहारे अपनी जिंदगी जीने को विवश हैं.
एक ही प्लास्टिक के सहारे जिंदगी जीने को विवश एक प्लास्टिक के सहारे काट रहे जिंदगी
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि इस बाढ़ ने उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी है. उनकी जीवन भर की कमाई, घर, कपड़ा सब कुछ इस बाढ़ में बह चुका है. किसी तरह वह अपने परिवार के साथ बांध के ऊपर प्लास्टिक के सहारे अपनी जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं.
जालाश्य में तब्दील हुआ गांव सरकार की तरफ से नहीं मिल रही कोई मदद
बाढ़ पीड़ितों के मुताबिक उन्हें देखने वाला कोई नहीं है. सरकार की तरफ से ना ही उन्हें कोई राहत सामाग्री उपलब्ध कराई गई है और ना ही उन्हें कोई सहायता राशि मिली है. उन्होंने बताया कि दिन के उजाले में तो वो जैसे-तैसे जीवनयापन कर लेते हैं, मगर रात के समय उन्हें काफी परेशानी होती है.
गांव के ठेकेदार कर रहे मदद
हालांकि खैरा गांव के युवकों ने बताया कि गांव के ठेकेदार की तरफ से सभी बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री दी जा रही है. जिसमें दो क्विंटल चूड़ा, 50 किलो चीनी और दो बोरी नमक शामिल है. युवकों ने बताया कि सभी बाढ़ पीड़ितों को ये राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी.