मधुबनी: भयावह बाढ़ के कारण कमला बलान नदी का बांध पूरे जिले में कई जगहों से टूट चुका है. हालात बेहद ही डराने वाले हैं. कमला बलान बांध झंझारपुर के नरुआर, गोपालखा, रखवारी, बाबूबरही में टूटने से हजारों परिवार बेघर हो गए हैं. सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं. जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है.
बाढ़ में फंसे लोग ऊंचे स्थानों पर आसरा ले रहे हैं. एनएच-57 को लोगों ने घर बना लिया है. पीड़ित लोगों का कहना है कि सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है. 50,000 से अधिक लोग जिले में बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. लेकिन, सरकार की तरफ से इन्हें राहत सामग्री भी उपलब्ध नहीं करवाई गई है.
20 घंटे तक फंसे रहे लोग
नदी का रौद्र रुप देखकर लोग काफी डरे सहमे हुए है. साथ ही लोगों में प्रशासन और सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है. उनका कहना है कि सरकार ने उन्हें भूखे-प्यास मरने के लिए छोड़ दिया गया है. बांध टूटने के 20 घंटा के बाद भी मदद नहीं मिली है.
डीएम ने खुद संभाला मोर्चा
मालूम हो कि मधुबनी के नरुआर में जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने जान को हथेली पर रखकर एनडीआरएफ टीम के साथ रेस्क्यू कर लोगों की जान बचाई. डीएम खुद रेस्क्यू बोट में बैठकर बाढ़ प्रभावित गांव पहुंचे और लोगों को सुरक्षित निकालने लगे. बचाव कार्य के लिए डीएम खुद आगे आए हैं.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट बाढ़ का कहर...
- जिले में बाढ़ का कहर लगातार जारी है.
- लागातार हो रही बारिश से कमला बलान नदी रौद्र रूप धारण कर चुकी है.
- नदी खतरे के निशान से 3 फीट ऊपर बह रही है.
- बाढ़ का पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर गया है.
- दर्जनों लोग घर से बेघर हो गए हैं.
- नदी का रौद्र रूप देखकर लोग काफी डरे सहमे हुए है.