मधुबनी: जिले में आई अचानक बाढ़ से तकरीबन 15 से 20 हजार आबादी प्रभावित है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खासकर जयनगर, खजौली, फुलपरास, लदनियां, बाबूबरही आदि प्रखंडों शामिल हैं. इसके अलावा कुछ पंचायत भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. प्राकृतिक आपदा के कारण जनजीवन ठप हो गया है. दर्जनों लोग फंसे हुए हैं.
डीएम ने बुलाई प्रेस कॉफ्रेंस
शनिवार को डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने प्रेस कॉफ्रेंस की. जिसमें उन्होंने स्थिति के नियंत्रण के लिए अपनाए जा रहे कदमों की पूरी जानकारी दी. डीएम ने बताया कि 9 से 13 जुलाई तक जिले में भारी बारिश हुई है. खासकर 12 और 13 जुलाई को क्रमश: 102 और 103 एमएम बारिश हुई. नेपाल में भी अधिक बारिश के बाद कमला, कोसी, भुतही, बलान आदि नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई.
यह इलाके हुए ज्यादा प्रभावित
मधुबनी में पहले से ही रेड अलर्ट जारी था. डीएम ने कहा कि जानकारी के बाद जयनगर में एसपी के साथ गये. वहां डोरवार में चल रहे रेसक्यू एवं रिलीफ कार्यों का जायजा लिया. जयनगर में करीब सात पंचायत प्रभावित हैं. इसमें कोरहिया, बेलही, बेलही पूर्वी, बेल्ही पश्चिमी, पड़वा आदि पंचायत शामिल हैं. इन जगहों से लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है. जिला प्रशासन इस आपदा की घड़ी में पूरी मुस्तैद है.
युद्ध स्तर पर किया जा रहा काम
कई जगहों पर कम्यूनिटी किचेन लगाए गये हैं. जयनगर में करीब 300 पीस पॉलिथीन भी बांटी गई है. करीब 300 से अधिक पशु भी प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा खजौली के सुक्खी, भकुआ, कसमा, नरार में रेसक्यू चलाई गई है. लदनियां के 11 पंचायतों में रिसाव हो रहा है.
हेल्पलाइन नंबर हुआ जारी
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई है. छह मोटरबोट भी मंगाए गये हैं. कुछ बोट फुलवपरास और कुछ जयनगर भेजी जाएंगी. मौके पर मौजूद एडीएम दुर्गानंद झा ने कहा कि बाढ़ को देखते हुए कंट्रोल रूम बनाया गया है. इसका नंबर 222576 है. इसपर किसी तरह की सूचना दे सकते हैं.