मधुबनी: बिहार में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय शनिवार को जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे. इस दौरान मंत्री ने अपने कार्यकर्ताओं और अधिकारियों के साथ कुछ समय बिताया. लोगों ने मंत्री का खूब विरोध किया, जिसके बाद लक्ष्मेश्वर राय समिया चौक से वापस सीधे फुलपरास चले गए.
'मई में ही प्रशासनिक स्तर से पूरी तैयारी'
बाढ़ की तैयारियों को लेकर किए सवाल पर आपदा प्रबंधन मंत्री ने दलील दी कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है. आपदा विभाग ने मई में ही प्रशासनिक स्तर से पूरी तैयारी कर ली थी. आपदा को लेकर जिला और अंचल स्तर पर रोजमर्रा की जरूरी चीजें जून में ही उपलब्ध हो गई थी. एसडीआरएफ की टीम मधेपुर में रहती हैं और झंझारपुर एसडीएफ के टीम के लिए एक केंद्र है जहां टीम सुबह से ही मौजूद थी.
लक्ष्मेश्वर राय, आपदा प्रबंधन मंत्री 'आपदा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए'
मंत्री ने कहा पहली बार ऐसा हुआ है जब रातों-रात बाढ़ आई है. काफी नुकसान पहुंचा है. मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि सरकार की पूरी तैयारी थी, तैयारी है. साथ ही उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर कुछ राजनेता अपने आधार पर राजनीति कर रहे हैं. आपदा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, आपदा पर मानव सेवा होनी चाहिए.
आपदा मंत्री को जानकारी नहीं
मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने मीडिया से कहा कि अगर कहीं प्रशासनिक लापरवाही हुई है या कहीं काम नहीं हुआ है तो हमें बताएं. उस दिशा में सुधार के लिए काम किया जाएगा. हालांकि जिले के नरुआर गांव में छतों पर फंसे लोगों को बचाने ऑपरेशन 20 घंटे के बाद शुरू किया गया. उतने वक्त तक लोग जिंदगी और मौत से जूझते रहे. कई लोगों की मौत हो गई, लेकिन इस पर आपदा मंत्री ने कहा कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है.