मधुबनी: प्रदेश के सरकारी विभागों की लापरवाही किसी से छिपी नहीं है. सरकारी उदासीनता के कारण आजादी के सत्तर सालों बाद भी लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. दरअसल नगर पंचायत झंझारपुर के बेलाराही गांव में तीन सड़कों की हालत बदहाल है. आलम यह है कि सरकार की तरफ से सड़क निर्माण के लिए साल 2012 में 1.20 करोड़ रुपये निर्गत किया गया था. लेकिन आज तक सड़क निर्माण नहीं हो सका है.
मधुबनी: नगर पंचायत होने के बावजूद विकास है अधूरा, नहीं है पक्की सड़क - Madhubani Nagar Panchayat
सरकारी उदासीनता के कारण आजादी के सत्तर सालों बाद भी लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. दरअसल नगर पंचायत झंझारपुर के बेलाराही गांव में तीन सड़कों की हालत बदहाल है. साल 2012 में 1.20 करोड़ रुपये निर्गत किया गया था. लेकिन आज तक सड़क निर्माण नहीं हो सका है.
सड़क निर्माण की बाट जोह रहे स्थानीय
पिछले सात सालों से स्थानीय लोग सड़क निर्माण की बाट जोह रहे हैं. इसे सरकारी विभागों की लापरवाही कहें या मनमानी कि नगर विकास विभाग के 1.20 करोड़ राशि मुहैया कराने के बाद भी निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है. पक्की सड़क न होने की वजह से लोगों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. बता दें कि आधे किलोमीटर की दूरी को 4 किलोमीटर चलकर तय करना पड़ता है.
प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार
वहीं, उपमुख्य पार्षद विजय दास ने बताया कि पक्की सड़क ना होने से बरसात में लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. रोगी और गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी होती है. साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से सड़क निर्माण के लिए साल 2012 में अनुदान मिल गया है. लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा के कारण अब तक सड़क निर्माण नहीं हो सका.