मधुबनी: प्रदेश में सात निश्चय नल-जल योजना सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई है. इस योजना के तहत बोरिंग कराकर पानी की टंकी लगा दी गयी. हर घर तक पाइप भी बिछा दिया गया. लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही और संवेदकों की मनमानी के कारण यह माहात्वकांक्षी योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. ताजा मामला जिले के झंझारपुर अनुमंडल के रैयाम पूर्वी पंचायत का है. जहां नल से जल टपकने की आस में लोगों की आंखें पथरा गई हैं.
'बड़े पैमाने पर हुआ है धांधली'
स्थानीय ग्रामीण मलय कुमार बताते है कि सीएम के इस महत्वाकांक्षी योजना में बड़े पैमाने पर लूट-खसोट हुई है. घरों में जलापूर्ति के लिए जो पाइप बिछाये गए थे. वह काफी घटिया क्वालिटी के थे. नियम के तहत पाइप आईएसआई मार्का का होना था. लेकिन लोकल घटिया क्वालिटी के पाइप का इस्तेमाल किया गया था. जलापूर्ति के लिए जो बोरिंग किया जाना था. वह भी मानक के अनुरूप नहीं हुआ था. संवेदक पेमेंट लेकर फरार हो गए.