मधुबनीःएक तरफ जहां केंद्र सरकार पूरे देश भर में न्यू इंडिया मुहिम पर काम कर रही है. वहीं दूसरी तरफ यह चचरी पुल न्यू इंडिया की पोल खोल रहा है. आजादी से पहले का बना यह चचरी पुल आज जर्जर अवस्था में है.
यह चचरी पुल खोल रही न्यू इंडिया की पोल, आजादी से स्थायी पुल का बाट जोह रहे लोग - कोसी नदी
मधेपुर प्रखंड स्थित बसिपट्टी पंचायत में यह चचरी पुल अवस्थित है. लाखों की आबादी वाला क्षेत्र आज भी अपनी किस्मत को कोस रहा है. इस चचरी पुल के लिये कोई भी सांसद या विधायक ने सरकार पर सवाल नहीं उठाया.
चचरी पुल खोल रहा न्यू इंडिया की पोल
मधेपुर प्रखंड स्थित बसिपट्टी पंचायत में यह चचरी पुल अवस्थित है. लाखों की आबादी वाला क्षेत्र आज भी अपनी किस्मत को कोस रहा है. इस चचरी पुल के लिये कोई भी सांसद या विधायक ने सरकार पर सवाल नहीं उठाया. ताकि यहां के लोगों के लिये एक पुल का निर्माण हो सके. इस चचरी पुल पर से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोगों का आना जाना लगा रहता है. फिर भी इस पुल की कोई मरम्मत नहीं कराता. यहां के ग्रामीण खुद चंदा इकट्ठा करके पुल का निर्माण कराते हैं. लेकिन हर वर्ष बाढ़ आकर बहा ले जाती है.
स्थायी पुल का नहीं हो रहा निर्माण
एक सवाल यह भी है कि इस विधानसभा सीट से कई लोग विधायक होकर मंत्री भी बने. लेकिन इन लोगों के भविष्य के लिये कोई भी विधायक या मंत्री ने नहीं सोचा. इस इलाके के लोगों की वोट से 90 के दशक से पहले जगन्नाथ मिश्र बिहार के मुख्यमंत्री भी बने. फिर भी इन लोगों का उद्धार नहीं किया गया. इस पुल को लेकर पार्टियां सिर्फ राजनीतिक रोटी सेकती रहती है.