मधुबनीः डिजिटल इंडिया के जमाने में भी हमारा देश विकास में काफी पिछड़ा हुआ है. आजादी के 73 साल बीत जाने के बाद भी जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक उदासीन रवैया के कारण कोसी क्षेत्र के लोगों को पक्की सड़क नसीब नहीं हो पाई है.
50 हजार की आबादी झेलती है परेशानी
मधुबनी जिले के झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र के मधेपुर प्रखंड में करीब 50 हजार की आबादी है. लेकिन ये इलाका विकास से कोसों दूर है. आजादी के इतने सालों बाद भी इस इलाके के लोग कच्ची सड़क, पगडंडी और नाव के सहारे ही चलने को विवश हैं. इस इलाके के लोग एक तरफ प्रकृति की मार झेलते हैं, तो दूसरी तरफ जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की उपेक्षा का शिकार होते हैं.
बरसात में होती है नारकीय जिंदगी
मधेपुर प्रखंड में 26 पंचायत है, प्रखंड का दर्जनों गांव 6 महीना से ज्यादा समय तक बाढ़ के पानी में घिरा रहता है. ग्रामीण रामू यादव ने बताया कि काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बरसात में नारकीय जिंदगी जीने को विवश होना पड़ता है. इलाके के लोगों के लिए नाव ही एक सहारा होता है. बाढ़ में छाती के ऊपर तक पानी रहता है. बारिश के समय में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. हल्की सी बारिश हो जाने के बाद इस क्षेत्र के लोगों को जीना दूभर हो जाता है. अगर कोई वृद्ध या प्रसव महिला को अस्पताल ले जाना हो, तो खटिये पर लादकर ले जाना पड़ता है. इस दौरान कई लोगों की मौत भी हो जाती है.