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मधुबनी: सरकारी उदासीनता के कारण बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा यह गांव

ग्रामीणों के मुताबिक यहां जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट मांगने आया करते हैं. लेकिन, इसकी परेशानियों से उनका कोई सराकार नहीं है. यहां की सड़कें कच्ची हैं जिसके कारण बरसात में लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है.

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Published : Jun 3, 2019, 1:46 PM IST

मधुबनी: बिहार सरकार गांव-कस्बों के विकसित होने का लाख दावा कर रही हो. लेकिन, जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिले के महादलित बस्ती में ग्रामीणों के लिए न तो पीने का पानी है और न ही शौचालय. ऐसे में यह गांव सरकारी उदासीनता का जीता जागता नमूना है.

नहीं मिली सरकारी सुविधा
मधुबनी के रैयाम पूर्वी पंचायत के किशनपुर मुसहरी इलाके का हाल बेहद ही खराब है. इस बस्ती में करीब डेढ़ सौ की आबादी है. यहां पीने के पानी के लिए सिर्फ एक चापाकल है. वहीं, दूसरा चापाकल सालों से खराब पड़ा हुआ है. सराकर की ओर से मिलने वाली इंदिरा आवास योजना भी लोगों तक नहीं पहुंची है. किसी का राशन कार्ड बना है, तो कोई राशन के लिए दर-दर भटक रहा है.

सुविधाओं के अभाव से परेशान ग्रामीण

'हमारी परेशानी दूर करने वाला कोई नहीं'

ग्रामीणों के मुताबिक यहां जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट मांगने आया करते हैं. लेकिन, उनकी परेशानियों से उनका कोई सरोकार नहीं है. ग्रामीण सुगिया देवी कहती हैं कि यहां की सड़कें सालों से खराब पड़ी हैं. खाने के लिए खाना नहीं है और न ही सोने के लिए सर पे छत. यहां लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है. समस्याओं के बोझ तले जिंदगी बसर कर रहे इन लोगों का कहना है कि दिन तो किसी हाल में गुजर जाता है. लेकिन, रातें काटनी मुश्किल हो जाती हैं.

टूटे घर में जीने को मजबूर ग्रामीण
सुविधाओं का अभाव

लोगों का कहना है कि यहां कच्ची सड़कें हैं, जिसके कारण बारिश में सबसे ज्यादा कठिनाई होती है. हर जगह पानी ही पानी जमा हो जाता है. सरकार की तरफ से कोई भी सुध लेने नहीं आया. गांव के लोगों का कहना है कि यहां ना बच्चों के पढ़ने के लिए स्कूल है, ना ही हॉस्पिटल की सुविधा. ऐसे में लोग यहां काफी परेशानियों के साथ जीने को मजबूर हैं.

आरोपों को BDO ने किया खारिज

झंझारपुर बीडीओ डॉ. अमित कुमार ने लोगों की शिकायतों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि महादलित बस्ती में लोगों के लिए सरकार की बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कई छूटे हुए लोगों का नाम जोड़ा गया है. अगर कोई व्यक्ति अभी भी छूटा है तो आवास सहायक से मिलकर अपना नाम दर्ज करवा सकता है. शौचालय योजनाओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि शौचालय उन्हें खुद बनानी पड़ेगी. शौचालय बनने के बाद उन्हें 12 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में मिल जाएंगे.

'जल्द मिलेगा पेंशन'
बीडीओ ने पेंशन संबंधी समस्या को लेकर कहा कि नाम जोड़ने की प्रक्रिया प्रारंभ होने जा रही है.जल्द ही इसका फायदा लोगों को मिलना शुरू हो जाएगा. राशन कार्ड संबंधी समस्या पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों का राशन कार्ड में नाम नहीं है वे प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी से मिलकर अपना आवेदन दे सकते हैं.

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