मधुबनीः जिले के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की एएनएम और फार्मासिस्ट वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इनकी मांग है कि बिहार सरकार संविदा पर काम कर रहे फार्मासिस्ट को जो वेतन दे रही है, उतना ही वेतन इन्हें भी मिलना चाहिए.
2015 में हुई थी नियुक्ति
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत काम करने वाले फार्मासिस्ट और एएनएम अपनी मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. ये लोग अपनी मांग को लेकर पहले भी आंदोलन कर चुके हैं. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत काम करने वाली एएनएम पूनम कुमारी ने बताया कि हम लोगों की जॉइनिंग आयुष चिकित्सा फार्मासिस्ट एएनएम के साथ 2015 में हुई थी.
जानकारी देते एएनएम और फार्मासिस्ट 'सरकार ने हमारे साथ की नाइंसाफी'
पूनम कुमारी ने कहा कि कोरोना महामारी के समय आयुष चिकित्सक का वेतन बीस हजार से बढ़ाकर 44 हजार कर दिया गया है. लेकिन हमारा वेतन नहीं बढ़ा. हम लोगों ने एक साथ जॉइन किया था, एक साथ काम कर रहे हैं. लेकिन सरकार ने यह नाइंसाफी हमारे साथ की. जब तक सरकार हमारा वेतन नहीं बढ़ाती, हम लोगों का हड़ताल जारी रहेगा.
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'वेतन नहीं बढ़ने पर जारी रहेगा आंदोलन'
फरमासिस्ट रमेश कुमार ने बताया कि हम लोगों की बहाली राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 2015 में हुई थी. जिसमें 2 आयुष चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट एक एएनएम की बहाली की गई थी. हम लोगों को 0 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों का चेकअप करना है. 3 महीने से कोरोना महामारी में कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम किया है. हमारा वेतन अभी भी 11,500 और 12,000 ही है, कोई वृद्धि नहीं की गई. हमारी मांग है कि बिहार सरकार संविदा पर काम कर रहे फार्मासिस्ट को जो वेतन दे रही है, उतना ही हम लोगों को भी दिया जाए. वरना हम आंदोलन करते रहेंगे.