मधुबनी: पिपरौलिया, रैयाम पश्चिमी, काको, संतनगर पंचायतों के बाढ़ पीड़ितों ने अंचलाधिकारी झंझारपुर के कार्यालय के सामने जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की. बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि सीओ के द्वारा टेबल पर बैठकर ही रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है जबकि हम लोग बाढ़ से त्रस्त हैं. ऐसे में सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि से हमें वंचित रखा जा रहा हैं. अंचलाधिकारी को जमीनी स्तर पर इसकी जांच करनी चाहिए.
पंचायत को 'आंशिक क्षति' बताया
कई पंचायत के मुखिया अपने पंचायत के लोगों के साथ अंचल कार्यालय पहुंचे और राहत देने की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की. कई पंचायत को अंचलाधिकारी द्वारा आंशिक क्षति बताया गया. जिसे देखकर मुखिया सहित पंचायत के लोग आक्रोशित हो उठे और हंगामा शुरू कर दिया. काफी समझाने के बाद भी लोग समझने को तैयार नहीं हुए. पिपरिया पंचायत के मुखिया रविंद्र ठाकुर ने बताया कि लोगों को आंशिक क्षति से ग्रस्त कर दिया गया है. पहले हमारे पंचायत को क्षति पहुंचाया गया उसके बाद नवानी पंचायत को नुकसान पहुंचा रहे हैं. पर अंचलाधिकारी टेबल पर बैठ के रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और हमारे पंचायत को आंशिक क्षति बता रहे हैं. इसके लिए हमें जो करना पड़ेगा हम करने के लिए तैयार हैं. हम NH 57 को भी जाम कर देंगे. वहीं रैयाम पश्चिमी पंचायत की मुखिया रेखा देवी ने बताया कि कई दिनों से हम अंचल कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. बार-बार वे रिपोर्ट देने की ही बात करते है. उसके उपरांत भी कोई सुविधा नहीं मिली है. इतनी भीषण बाढ़ आने के बाद भी हमारे पंचायत में किसी तरह का राहत सामग्री वितरण नहीं किया गया है. इसिलिए हमारे पंचायत की जनता काफी आक्रोशित है.
अंचलाधिकारी झंझारपुर कार्यालय के सामने प्रर्दशन करते हमें जो सही लगा हमने वही कियाः अंचलाधिकारी
वहीं अंचलाधिकारी कन्हैया लाल ने बताया जिन पंचायतों को आंशिक क्षति से ग्रसित कहा गया हैं वह लोग हंगामा कर रहे हैं लेकिन हमें जो सही लगा हमने वही किया. धमकी देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि काम में बाधा डालेंगे तो एसआर की बात जो हमने कही है वही किया जाएगा. हमलोग जमीनी हकीकत जानकर ही रिपोर्टिंग कर रहे हैं. उन लोगों का यह आरोप गलत है. बाद में प्रखंड प्रमुख पति के हस्तक्षेप करने के बाद मामला शांत हुआ. लेकिन प्रखंड प्रमुख पति ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया.