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मधेपुरा: चूल्हे से निकलता धुंआ बयां कर रहा उज्ज्वला योजना के दावों की जमीनी हकीकत - मिट्टी का चूल्हे

इस वार्ड की महिलाओं के अनुसार अधिकारियों की तरफ से की गई जांच की प्रक्रिया मात्र कागजों तक ही सीमित रह गई है. कई बार जांच के बाद उनका नाम लिखकर उन्हें आश्वासन के अलावा जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं दिया गया. हालांकि इस योजना को सीमित अवधि में पूर्ण करना विभागीय जिम्मेदारी थी.

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Published : Dec 15, 2019, 11:24 AM IST

Updated : Dec 15, 2019, 3:19 PM IST

मधेपुरा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की सुविधा के लिए उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी. ताकि महिलाओं को खाना बनाने में सहूलियत हो और उनको स्वास्थ्य संबंधित बीमारियों से भी बचाया जा सके. लेकिन सुखासन के वार्ड संख्या-7 के महादलित टोला की दर्जनों महिलाएं आज भी मिट्टी के चूल्हे पर ही खाना बनाने को मजबूर हैं.

नहीं मिल रहा योजना का लाभ
दरअसल, इस महादलित टोले में आज तक उज्जवला योजना का लाभ नहीं पहुंच सका है. यहां की महिलाएं आज भी धुएं में जिंदगी काटने को मजबूर हैं. चूल्हे पर खाना बनाने के कारण उन्हें आग लगने का भी डर बना रहता है. महिलाओं की मानें तो उनके गांव में इस योजना का लाभ किसी को भी नहीं मिल सका है.

मिट्टी के चूल्हे पर ही खाना बनाने को मजबूर हैं महिलाएं

कागजों तक सिमट कर रह गई योजनाएं
इस वार्ड की महिलाओं के अनुसार अधिकारियों की तरफ से की गई जांच की प्रक्रिया मात्र कागजों तक ही सीमित रह गई है. कई बार जांच के बाद उनका नाम लिखकर उन्हें आश्वासन के अलावा जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं दिया गया. हालांकि इस योजना को सीमित अवधि में पूर्ण करना विभागीय जिम्मेदारी थी. लेकिन, जमीनी स्तर पर धीमी रफ्तार से योजना का क्रियान्वयन होना लोगों की उम्मीदों को कमजोर करता नजर आ रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

क्या कहते है एसडीओ
वहीं, इस पूरे मामले पर एसडीओ सदर वृंदा लाल ने कहा कि इस वार्ड से संबंधित समस्या की जांच जल्द से जल्द कराई जाएगी. साथ ही जो परिवार इस योजना से वंचित हैं, उन्हें गैस चूल्हे की सुविधा मुहैया करा दी जाएगी.

Last Updated : Dec 15, 2019, 3:19 PM IST

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