मधेपुरा:कार्यपालक सहायक के लिए बहुत से छात्र लिखित और टाइपिंग परीक्षा के अधार पर चयनित होने के बावजूद भी नियुक्ति के मोहताज हैं. बिहार सरकार के आदेश पर जिला पदाधिकारी मधेपुरा की ओर से कार्यपालक सहायक की नियुक्ति के लिए 2018 में विज्ञापन निकाला गया था. जिसमें से 164 लोगों को विभिन्न विभागों में पदस्थापित भी किया गया. वहीं, बचे हुए चयनित अभ्यार्थियों की नियुक्ति से पहले ही बिहार सरकार ने बहाली रद्द कर दी. इससे गुस्साए अभ्यार्थियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
नियमों के भ्रमजाल में फंसे कई अभ्यर्थी, सेलेक्शन के बाद भी हैं बेरोजगार - Beltron appointed by Executive Assistant 2018
कार्यपालक सहायक के लिए चयनित होने के बावजूद भी नियुक्ति नहीं हुई. बेरोजगारी की मार झेल रहे छात्रों ने सरकार से नियुक्ति की मांग की है. उनका कहना है कि पुराने विज्ञापन पर नये नियम कैसे लागू होंगे?
![नियमों के भ्रमजाल में फंसे कई अभ्यर्थी, सेलेक्शन के बाद भी हैं बेरोजगार](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-4038587-thumbnail-3x2-madhepura.jpg)
चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद्द
बताया जा रहा है कि नियम में बदलाव के कारण ऐसा हुआ है. दरअसल, पहले नियुक्ति जिला स्तर पर होती थी. लेकिन, अब ये नियुक्ति बेल्ट्रॉन के माध्यम से होगी. यही वजह है कि चयनित होने के बावजूद भी छात्रों की नियुक्ति नहीं हो रही है. हालांकि 2018 में जिला प्रशासन की ओर से सफल अभ्यर्थियों का एक पैनल बनाया गया था. वहीं, पैनल से मधेपुरा डीएम ने 164 अभ्यर्थियों को कई विभागों में पदस्थापित भी किए थे. लेकिन जब शेष बचे अभ्यर्थियों की नियुक्ति की बारी आई तो सरकार ने नियम बदल दिया. जिससे पैनल के शेष बचे अभ्यर्थियों की नियुक्तियां रद्द कर दी गईं.
अभ्यर्थियों की मांग
गुस्साए अभ्यर्थियों की मांग है कि यह विज्ञापन 2018 का है. वहीं, पैनल से 164 अभ्यर्थियों की नियुक्ति भी हुई है. फिर शेष बचे अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक क्यों? उनका कहना है कि पुराने विज्ञापन पर नये नियम लागू नहीं किए जाने चाहिए. सरकार हमारी नियुक्ति पर गंभीरता से विचार करे, नहीं तो उग्र आंदोलन करेंगे.