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कटाव रोकने के लिए पूजा और हवन, नदी में बकरी प्रवाहित कर मां गंगा को मनाएंगे - people floating goats in the river

मधेपुरा में कटाव से परेशान लोगों ने अब भगवान से अपनी गुहार लगाई है. इसके लिए लोगों द्वारा जिंदा बकरी को नदी में प्रवाहित किया जाएगा. साथ ही पूजा अर्चना ओर भजन कर मां गंगा से विनती की जाएगी.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 24, 2023, 8:08 PM IST

मधेपुरा: बिहार के मधेपुराजिले में लोग कटाव से काफी परेशान है. हर साल सैक़ड़ों की अबादी अपने घर से पलायन करने को मजबूर हो जाती है. कटाव के कारण कई महीनों तक सिर पर एक छत के लिए भटकते रहते है. ऐसे में इतना कुछ होने के बाद भी प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. इन्हीं बातों से परेशान होकर ग्रामीणों ने अब भगवान के सामने गुहार लगाने का रास्ता चुना है. ऐसे में उन्होंने आज अपने इलाके में पूजा अर्चना ओर भजन करने की तैयारी की है.

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भगवान से लगाई गुहार: दरअसल, जिला मुख्यालय के नगर परिषद वार्ड संख्या 14 स्थित स्थानीय लोग कई दिनों से कटाव को लेकर परेशान चल रहे है. वे लगातार प्रशासन से गुहार तो लगा रहे थे, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकल रहा था. अंत में पीड़ितों ने भगवान से ही गुहार लगाना सहीं समझा. लोगों ने पूजा पाठ का असर भी दिखा. लोगों का कहना है कि मां गंगा ने हमारी विनती सुनी ओर कटाव रात भर में ही रुक गई है.

प्रशासनिक तैयारी हुई धराशाई:वहीं, स्थानीय पूर्व वार्ड पार्षद ने बताया कि मधेपुरा जिला मुख्यालय के नगर परिषद वार्ड संख्या 14 के बगल से गुजरने वाली कोसी की सहायक नदी से मुहल्ले की जमीन का कटाव काफी तेजी से हो रहा था. कई पक्के भवन सहित जमीन कटाव की चपेट में आ गई थी. नदी की उफनती धारा के सामने प्रशासनिक तैयारी धराशाई हो गई थी. प्रशासन द्वारा किए जा रहे कटाव निरोधक कार्य बेकार साबित हो रहे थे. तब जाकर हमने गंगा मां से कटाव रोकने और धारा बदलने की मन्नते मांगी.

मां गंगा ने सुनी विनती:उन्होंने बताया कि जब कटाव से बचने का कोई उपाय नहीं बचा तब जाकर हम मुहल्लेवासियो ने मां गंगा से विनती कर मन्नते मांगी की तैयारी की. ऐसे में कटाव को रोकने के लिए आज हम लोग बकरी का पाठी चढ़ाएंगे. तब जाकर मां गंगा ने हमारी विनती सुनी और कटाव रात भर में ही रुक गया. धारा ने भी रास्ता बदल लिया है. इसी से खुश होकर आज हमलोग पूजा अर्चना, कृतन औक प्रसाद का आयोजन कर रहे है. इसके बाद गंगा नदी में बकरी को प्रवाहित कर चढ़ाया जाएगा.

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