मधेपुराः जिले का सदर अंचल कार्यालय रिश्वतखोरों का अड्डा बनकर रह गया है. आलम यह है कि यहां बिना रिश्वत के एक भी काम नहीं होता है. अंचल कार्यालय में म्यूटेशन के नाम पर सालों से रिश्वत का बड़ा खेल चल रहा है. भूस्वामी अगर अग्रिम रिश्वत नहीं देते तो उन्हें अपनी जमीन की म्यूटेशन के लिए सालों तक कार्यालय और सरकारी बाबूओं के चक्कर काटने पड़ते हैं. साथ ही उनके आवेदन को बेवजह रिजेक्ट कर दिया जाता है.
सही पाए गए सभी आरोप
रिश्वत के इस खेल से तंग आकर जमीन मालिकों ने एडीएम उपेंद्र कुमार से इसकी शिकायत कर दी. इसके बाद एडीएम ने अंचल कार्यालय पहुंचकर गहन जांच की. एडीएम ने सभी आरोपों के सही पाए जाने की पुष्टि की है.
"लोगों की शिकायत पर हम जांच करने आए थे. जांच में सभी आरोप सही पाए गए हैं. फिलहाल अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया गया है. जांच पूरी होने के बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी. जो भी अधिकारी इस तरह के किसी भी मामले में लिप्त पाए जाएंगे उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी."- उपेंद्र कुमार, एडीएम
बिना रिश्वत के नहीं होता कोई काम
एडीएम ने कहा कि अंचल में नियम के विरुद्ध सालों से पदस्थापित कार्यालय के नाजिर मिथिलेश कुमार को स्थानांतरण कर दिया गया है. साथ ही उनके चल और अचल संपत्ति के जांच के लिए उच्चाधिकारियों और सरकार को विधिवत अनुसंशा भेज दी गई है. बता दें कि सालों से अंचल कार्यालय में संगठित तरीके से कर्मियों का गिरोह संचालित था. गिरोह के सदस्य बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करते हैं.
गलत तरीके से की संपति अर्जित
उपेंद्र कुमार ने बताया कि कई कर्मियों ने नियम के विरुद्ध लगातार कई सालों से यहां पदस्थापित होकर गलत तरीके से चल और अचल संपति अर्जित की है. वहीं नाजीर मिथिलेश कुमार ने सभी आरोपों को बेबुनियाद और भ्रामक बताया.