मधेपुराःलोक आस्था का महापर्व छठ त्यौहार 31 अक्टूबर से नहाय- खाय के साथ शुरू हो रहा है. चार दिनों तक चलने वाली इस पूजा में पवित्रता और सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. प्रदेश में इसकी तैयारी काफी पहले शुरू हो जाती है. कहते हैं कि छठ मईया अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं. मधेपुरा में एक ऐसा परिवार है जिसकी मनोकामना पूर्ण होने पर वह परिवार आज भी अपने खर्च पर छठ व्रतियों के लिए छठ घाट सजाता है.
मनोकामना पूरी होने पर शाह परिवार हर साल छठ घाट पर लगाता है निःशुल्क टेंट - बिहार
जिला मुख्यालय के बड़े टेंट व्यवसायी उत्तम शाह के परिजनों की ओर से पिछले कई दशक से अपने खर्च पर भिरखी उत्तर बारी छठ घाट को सजाया जाता है.
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छठ मईया ने पूरी की थी मनोकामना
जिला मुख्यालय के बड़े टेंट व्यवसायी उत्तम शाह के परिजनों की ओर से पिछले कई दशक से अपने खर्च पर भिरखी उत्तर बारी छठ घाट को सजाया जाता है. लोगों का कहना है कि छठ मईया ने शाह परिवार के पूर्वजों की मनोकामना पूरी की थी. तभी से वह अपने खर्च से हर साल छठ घाट पर टेंट, जेनरेटर सहित साज सज्जों की व्यवस्था करते हैं. स्थानीय निवासी सुनिल ने बताया कि कई सालों से शाह परिवार की ओर से घाट पर टेंट और साज सज्जा की व्यवस्था की जा रही है. इससे छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिलती है. क्योंकि छठव्रती रात भर यहीं टेंट में रुककर पूजा अर्चना करती हैं.
निःशुल्क होती है व्यवस्था
घाट के पुजारी गोपी पंडित ने बताया की यहां पर मधेपुरा के सैकड़ों परिवार पूजा अर्चना करते हैं. घाट पर शाह परिवार की ओर से हर साल टेंट की व्यवस्था की जाती है. उन्होंने कहा कि वर्षों पहले अंनत प्रताप शाह की ओर से घाट पर टेंट की व्यवस्था की जाती थी. उनकी मौत के बाद अब उनके पोते उत्तम शाह की ओर से यह सभी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था निःशुल्क होती है. वहीं, घाट पर स्थित मंदिर के बारे में उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण राम प्रताप शाह हलवाई ने कराया था. उनकी मृत्यु होने के बाद वह मंदिर की देखभाल कर रहे हैं.