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मधेपुरा: सुरक्षाकर्मी को चकमा देकर, शौचालय से कैदी फरार

सदर अस्पताल के कैदी वार्ड से सिपाही की निगरानी में शौचालय के लिए गया एक कैदी खिड़की के रास्ते फरार हो गया. जानकारी के अनुसार राहुल कुमार नाम का कैदी जिले के मुरलीगंज प्रखंड के जोड़गामा गांव के वार्ड नंबर 5 का स्थानीय निवासी है.

कैदी हुआ फरार

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Published : Nov 8, 2019, 9:15 AM IST

मधेपुरा:जिले में लूट, हत्या और गोलीबारी जैसी वारदात के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. एक तरफ जहां पुलिस प्रशासन जांच में व्यस्त है, तो वहीं दूसरी तरफ अपराधी अपने मंसूबों में लगातार कामयाब होते दिख रहे है. ताजा मामला मधेपुरा के जिला अस्पताल का है, जहां अपना इलाज कराने आया कैदी शौचालय की खिड़की तोड़कर फरार हो गया.

अस्पताल से फरार हो गया कैदी
दरअसल सदर अस्पताल के कैदी वार्ड से सिपाही की निगरानी में शौचालय के लिए गया एक कैदी खिड़की के रास्ते से फरार हो गया. जानकारी के अनुसार राहुल कुमार नाम का कैदी जिले के मुरलीगंज प्रखंड के जोड़गामा गांव के वार्ड नंबर 5 का स्थानीय निवासी है. जो पिछले 6 महीने से लूट कांड और चोरी के मामले में जेल में बंद था. तबीयत खराब होने की वजह से जेल प्रशासन ने उसे बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. लेकिन वह मौका पाकर फरार होने में सफल रहा.

बढ़ाई नहीं गई जवानों की संख्या
बता दें कि कैदियों के ऊपर निगरानी रखने के लिए होमगार्ड के 6 जवानों की तैनाती करने का प्रावधान है, लेकिन पिछले 2 महीने से केवल 4 जवानों की ही तैनाती हो पा रही है. इस दौरान कई बार उच्च स्तर के अधिकारियों को पत्र देकर जवानों के तरफ से अवगत भी कराया गया है. फिर भी जवानों की संख्या नहीं बढ़ाई गई.

शौचालय से कैदी फरार

अफरा-तफरी का माहौल
कैदी की निगरानी में तैनात गार्ड प्रभारी ने कहा कि अगर जवानों की संख्या ज्यादा होती तो एक जवान को शौचालय के पिछले हिस्से में निगरानी के लिए तैनात किया जाता, लेकिन हमारे पत्र पर उच्च अधिकारियों ने इतने दिन बीत जाने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया. वहीं, कैदी के फरार हो जाने की घटना के बाद से जिला अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल है.

सुरक्षा व्यवस्था ठहराया जिम्मेदार
जेल प्रशासन ने भी इस मामले में कुछ बोलने से मना किया है. होमगार्ड के जवानों ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है. जवानों ने कहा कि अगर शौचालय की खिड़की पर लोहे की ग्रिल लगी होती, तो कैदी के लिए भाग पाना मुश्किल होता. काफी दिनों से बिना ग्रिल की खिड़की उपयोग में लाई जा रही है. निगरानी में तैनात जवानों ने अस्पताल के कैदी वार्ड की सुरक्षा व्यवस्था को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है.

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