मधेपुरा: बिहार के मधेपुरा में जहरीली शराबपीने से एक शख्स की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत (One Person Died Due To Drinking Alcohol In Madhepura) हो गई. जिले के मुरलीगंज में जहरीली शराब से एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है. परिजनों के मुताबिक घनश्याम दास ने शराब पी थी और उनकी मौत हो गई. मुरलीगंज के रजनी पंचायत के वार्ड 15 की घटना बताई जा रही है. घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है.
मधेपुरा में व्यक्ति की संदेहास्पद मौत, परिजनों ने बताया शराब पीने से गयी जान - Person Died Due To Drinking Alcohol In Madhepura
मधेपुरा में एक व्यक्ति की शराब पीने से मौत (One Person Died In Madhepura) हो गई. मुरलीगंज में जहरीली शराब से एक व्यक्ति की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत (Person Died In Suspicious Condition In Madhepura) हो गई. परिजनों के अनुसार उसने शराब पी थी. जिसके बाद उसकी मौत हो गई. घटना के बाद परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है.
अप्रैल 2016 से शराबबंदी : 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बता दें कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. बता दें कि बिहार में जहरीली शराब पीने से अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है. इसके लिए सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है. लेकिन शराब माफिया जहरीली शराब बेचने से बाज नहीं आ रह् हैं. शराब पीने वाले लोग अक्सर जहरीली शराब पी कर मर जा रहे हैं. जिसके कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं.
शराब माफिया पर पुलिस सख्त :पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद अवैध तरीके से देसी शराब उत्पादन और विदेशी शराब की बिक्री की जा रही है. ऐसे माफियाओं पर लगातार बिहार पुलिस की ओर से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है. पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के अनुसार वर्ष 2021 में बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के अंतर्गत बिहार के सभी जिलों में विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया है. इस दौरान कुल 66,258 प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के अनुसार वर्ष 2021 में बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के अंतर्गत बिहार के सभी जिलों में विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया है. इस दौरान कुल 66,258 प्राथमिकी दर्ज की गई है.