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BN मंडल यूनिवर्सिटी कर्मियों के मूल वेतन में 25 प्रतिशत काटकर भुगतान करने का आदेश, शिक्षकों में आक्रोश

डॉ.नरेश कुमार ने कहा कि यूनिवर्सिटी में ऐसे भी दर्जनों शिक्षक और कर्मी हैं. जिन्हें 30 साल की अवधि में प्रोन्नति का लाभ नहीं मिला है. इतना ही नहीं कितने शिक्षक तो बगैर पदोन्नति का लाभ लिए बिना ही सेवानिवृत्त हो गये हैं.

BN मंडल यूनिवर्सिटी
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Published : May 11, 2020, 1:22 PM IST

मधेपुरा: जिले के बीएन मंडल यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ मुस्टा के महासचिव सह सीनेट सदस्य डॉ.नरेश कुमार ने कहा कि प्रोन्नत शिक्षक को सरकार पूर्ण लाभ के साथ वेतन नहीं दे रही है. सरकार ने मूल वेतन में से 25 प्रतिशत कटौती कर वेतन भुगतान करने का आदेश देकर शिक्षकों के साथ घोर अन्याय कर रही है.

मूल वेतन से 25 प्रतिशत कटौती
बता दें कि मधेपुरा के बीएन मंडल यूनिवर्सिटी में डेढ़ साल पूर्व 360 शिक्षक और 460 कर्मियों के प्रोन्नति और नियत अवधि में पीएचडी करने वाले शिक्षकों के वेतन नियमानुसार निर्धारण करते हुए राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत स्थापित वेतन सत्यापन कोषांग भेजा गया था. ताकि शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों को सम्पूर्ण लाभ के साथ वेतन भुगतान किया जा सके. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण कोषांग की ओर से अब तक शिक्षक और कर्मियों का वेतन सत्यापन कोषांग से पे-वेरिफिकेशन आदेश नहीं भेजा गया है. इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं कि गई है. राज्य सरकार ने बीएन मंडल यूनिवर्सिटी को स्पष्ट आदेश दे दिया है कि शिक्षक और कर्मियों के मूल वेतन से 25 प्रतिशत कटौती कर उन्हें वेतन भुगतान किया जाए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'पे-वेरिफिकेशन कर उचित पहल करे सरकार'
इस बाबत यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ मुस्टा महासचिव सह सीनेट सदस्य डॉ.नरेश कुमार ने कहा कि बीएन मंडल यूनिवर्सिटी की ओर से कुलपति की अध्यक्षता में गठित समिति नियमानुसार प्रोन्नति कर सरकार को कार्रवाई के लिए भेजा गया था. इसके बाद सरकार की जिम्मेवारी है कि वे पे- वेरिफिकेशन कर उचित पहल करें. इसमें यूनिवर्सिटी और शिक्षकों की क्या कमी है, जो सरकार पूर्ण लाभ के साथ वेतन भुगतान करने का आदेश नहीं देकर उल्टे 25 प्रतिशत मूल वेतन में से काटकर वेतन भुगतान करने का आदेश दी है.

'30 साल की अवधि में भी नहीं मिला प्रोन्नति लाभ'
डॉ.नरेश कुमार ने कहा कि यूनिवर्सिटी में ऐसे भी दर्जनों शिक्षक और कर्मी हैं. जिन्हें 30 साल की अवधि में प्रोन्नति का लाभ नहीं मिला है. इतना ही नहीं कितने शिक्षक तो बगैर पदोन्नति का लाभ लिए बिना ही सेवानिवृत्त हो गये हैं. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी द्वारा 2018 में भी शिक्षकों को प्रोन्नति दी गई थी, लेकिन सरकार की लालफीताशाही के कारण अब तक सभी लाभ से वंचित हैं.

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