मधेपुरा: बिहार विधानसभा चुनाव के इस बार मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू ने प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल पर भरोसा जताया है. पार्टी ने इन्हें सिंबल दे दिया है. बता दें कि निखिल मंडल मंडल के पौत्र हैं. निखिल की राजनीतिक विरासत सबल रही है. उनके दादा बीपी मंडल विधायक, सांसद, मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावे निखिल के पिता मनिन्द्र कुमार मंडल भी जदयू कोटे से विधायक रह चुके हैं और वे बिहार सरकार के विधि मंत्री नरेंद्र नारायण यादव के दामाद भी हैं.
अधिवक्ता भी रह चुके हैं निखिल
निखिल मंडल की शिक्षा देश के सबसे उच्च संस्थानों में ही हुई है. उन्होंने पटना के सेंट्रल स्कूल से प्लस-टू और दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक किया है. वे वर्ष 1999 से 2000 तक किरोड़ीमल कॉलेज छात्र संघ के महासचिव भी रह चुके हैं. पढ़ाई पूरी करने के बाद निखिल ने भारत सरकार के कई संस्थाओं में अपनी सेवा भी दी है. निखिल ने सरकारी नौकरी छोड़ कर टना हाईकोर्ट में बतौर अधिवक्ता के रूप भी योगदन दिया है.
निखिल मंडल, जदयू प्रत्याशी राजनीतिक विरासत में पले-बढ़े निखिल को धीरे-धीरे राजनीति रास आने लगी. जिसके बाद उन्होंने पिता मनिन्द्र मंडल के साथ मिलकर जेडीयू के लिए घरातल पर काम किया. निखिल की राजनीतिक सक्रियता ने उन्हें नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद से एक बना दिया. यही वजह रही की सीएम ने निखिल पर भरोसा जताते हुए मधेपुरा विधानसभा से उम्मीदवार बनाया.
टिकट कटने के बाद भी पिता ने नहीं छोड़ा था जदयू
निखिल के पिता मनिन्द्र मंडल 2005 में मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही जेडीयू से चुनाव भी जीते थे. लेकिन पार्टी में अंतर्कलह के कारण 2010 में उनका टिकट काट दिया था. बावजूद मनिंद्र ने नीतीश कुमार का साथ नहीं छोड़ा था और वे पार्टी के साथ मजबूती से जुड़े रहे थे. जिसके बाद जब निखिल ने जदयू के लिए कार्य करना शुरू किया तो नीतीश कुमार ने निखिल के कार्यों से प्रभावित होकर उन्हें पार्टी का प्रदेश प्रवक्ता बना दिया. जिसके बाद निखिल ने कभी मुड़कर नहीं देखा.
बता दें कि निखिल के दादा बीपी मंडल दूसरा पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके लिए उनको सबसे ज्यादा याद किया जाता है. बीपी मंडल ने विधायक, सांसद, मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर भी अपना योगदान दिया है.