मधेपुरा: जिले में राज्य सरकार की तरफ से साल 2016 में अनुमंडल स्तर पर लोक शिकायत निवारण कार्यालय की स्थापना की गई थी. इसके जरिए आम लोगों की समस्याओं के निपटारे के लिए 60 दिनों की समय सीमा तय की गई थी. लेकिन, विभागीय लापरवाही की वजह से लोग अब अपनी समस्याओं को लेकर कार्यलाय का चक्कर लगा रहे हैं.
मधेपुरा: लोक शिकायत निवारण कार्यालय में अधिकारियों की लापरवाही, नहीं सुनी जा रही जनता की समस्या - Public Grievance Redressal Office in madhepura
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि कार्यलाय में कोई भी अधिकारी नहीं रहता, इसकी वजह से हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता है. अधिकारियों की गैर मौजूदगी की वजह से सभी लोगों को निराश होकर लौटना पड़ता है.
सरकारी योजना का नहीं मिल रहा लाभ
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि कार्यलाय में कोई भी अधिकारी नहीं रहता, इसकी वजह से हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता है. अधिकारियों की गैर मौजूदगी की वजह से सभी लोगों को निराश होकर लौटना पड़ता है. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें किसी भी प्रकार के सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में गरीब कहां जाए, कही भी कोई सुनवाई नहीं होती है.
कार्यालय में कई मामले लंबित चल रहे
बता दें कि लोक शिकायत निवारण कार्यालय में कई मामले रुके पड़े हैं. जिले में कई अधिकारियों पर अतिरिक्त प्रभार का भी दबाव है. इस वजह से भी अधिकारी सही वक्त पर अपना काम पूरा नहीं कर पा रहे हैं. अधिकारियों पर अतिरिक्त प्रभार और कार्यालयों में उनकी गैर मौजूदगी से आम जनता नाराज चल रही है.