मधेपुरा:आगामी 7 मार्च को जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन होना है. लेकिन उससे पहले ही मेडिकल कॉलेज आरोपों के घेरे में है. दरअसल, बिहार के विभिन्न जिलों से काउंसलिंग के लिए आए हुए छात्रों का नाम मेरीट लिस्ट से हटा दिया गया. इसको लेकर छात्रों ने जमकर बवाल काटते हुए बहाली प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया.
कॉलेज में छात्रों को काउंसलिंग के लिए बीते 27 फरवरी को मेरिट लिस्ट निकली गयी थी, जिसके बाद उन्हें प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए सोमवार को मेडिकल कॉलेज बुलाया गया. लेकिन अचानक से एक नई मेरिट लिस्ट जारी कर अधिकतर छात्रों को चरित्र प्रमाण पत्र का हवाला देकर रिजेक्ट कर दिया गया. बिहार और झारखंड के दूरदराज इलाकों से आए हुए छात्रों को अचानक जब इस बात की जानकारी हुई, तो उनके होश उड़ गए. इसके बाद आक्रोशित छात्रों ने मेडिकल कॉलेज में जमकर हंगामा किया.
मधेपुरा से गौरव तिवारी की रिपोर्ट क्या बोले छात्र
औरंगाबाद से आई मोनिका ने बताया कि उनकी काउंसलिंग आज यानी कि 2 मार्च को होनी थी. लेकिन अचानक से हमें यह जानकारी मिली कि लिस्ट में बदलाव कर दिया गया है. मेरा नाम एक्सेप्टेड लिस्ट में था. लेकिन मुझे रिजेक्ट कर दिया गया.
वहीं छात्र खगेश कुमार ने बताया कि जिन छात्रों का प्रतिशत अधिक था, उनमें से 70 प्रतिशत छात्रों को रिजेक्ट लिस्ट में डाल दिया गया है. इस पूरे मामले में धांधली हो रही है. हम छात्रों के साथ नाइंसाफी की जा रही है. कम प्रतिशत पाने वाले छात्रों की बहाली 3 मार्च को होनी हैय हमारी मांग है कि जब तक हमारा फैसला नहीं आ जाता, तब तक बहाली को रोक दिया जाए. छात्र ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय इस तरह की धांधली को बढ़ावा दे रहे हैं.
कॉलेज प्रशासन ने साधी चुप्पी
इस पूरे मामले पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की तरफ से अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. वही लंबी दूरी तय कर काउंसलिंग के लिए मधेपुरा पहुंचने वाले छात्र अब निराश हो रहे हैं. देखने वाली बात होगी कि छात्रों के लगाए गए आरोपों पर प्रशासन क्या कुछ कार्रवाई करता है.