मधेपुरा: पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल में सजा काट रहे हैं. जिसकी रिहाई को लेकर उनके समर्थकों की ओर से हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. जिसमें कई महिलाओं और पुरुषों ने हिस्सा लिया. इन सभी की मांग है कि उनके सांसद को इज्जत के साथ रिहा कर दिया जाए.
पूर्व सांसद के लिए एकजुट हुए लोग
जिले में रविवार को पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की. इस हस्ताक्षर अभियान में सुबह से ही सभी वर्ग, समुदाय के महिला और पुरूष बड़ी संख्या में भाग लेने पहुंचे. इस मौके पर वहां मौजूद लोगों ने जेल में बंद पूर्व सांसद को मानवीय और कानूनी प्रक्रिया को देखते हुए सरकार से बिना देरी किये उनके रिहाई की मांग की.
वार्ड पार्षद आनंद मोहन के तस्वीर पर हस्ताक्षर करती हुई आनंद मोहन के लिए हस्ताक्षर अभियान
हस्ताक्षर अभियान के संयोजक संजय राणा ने कहा कि राजनीतिक साजिश के तहत जान बूझकर हमारे प्रिय नेता पूर्व सांसद आनंद मोहन को 14 साल जेल में सजा काटने के बावजूद भी रिहा नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर 14 साल सजा काटने के बाद रिहा कर दिया जाना चाहिए था. लेकिन सरकारी उपेक्षा और राजनीतिक साजिश के तहत रिहा नहीं किया जाना मानवाधिकार का हनन है.
आनंद मोहन की रिहाई की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान 'राष्ट्रपति से करेंगे निवेदन'
वार्ड पार्षद रेखा देवी और युवा सामाजिक कार्यकर्ता अमित कुमार मोनी ने कहा कि हस्ताक्षर अभियान चरणबद्ध तरीके से चलाकर महामहिम राष्ट्रपति से निवेदन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपति से गुहार लगाएंगे कि पूर्व सांसद आनंद मोहन को जल्द से जल्द छोड़ दिया जाए.
क्यों हुई थी आनंद मोहन को सजा ?
बता दें कि 5 दिसंबर ,1994 को मुजफ्फरपुर में गोपालगंज के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट जी. कृष्णैया की हत्या के लिए लोगों को भड़काने और बढ़ावा देने के लिए पटना हाइकोर्ट ने बिहार के मधेपुरा के पूर्व सांसद आनंद मोहन को उम्रकैद की सजा सुनाई थी और 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा है.