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SHAME ON HUMANITY: मधेपुरा में मानवता शर्मसार, सड़क किनारे मिली नवजात - SHAME ON HUMANITY

'अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो'. जब वह नवजात दुनिया में आ रही होगी, तो मां के लाड-प्यार से कुछ ऐसा ही सोच रही होगी. लेकिन समाज में कलंक समझी जा रही वह नवजात मुरलीगंज के सड़क पर फेंकी गयी तो उसके रुह से एक ही आवाज निकली होगी, 'अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो'. पढ़ें रिपोर्ट...

मधेपुरा
मधेपुरा में मानवता शर्मसार

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Published : Jun 14, 2021, 7:25 PM IST

मधेपुरा:21वीं सदीं (21th Century) को अगर लैंगिक समानता (Gender Equality) की सदी कहा जाए तो गलत न होगा. लेकिन इसी दौर में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो लड़की के जन्म (Birth of a Girl Child) को एक बोझ या अभिशाप (Burden or Curse) समझते हैं.

आज बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ (Beti Bachao Beti Padhao) का स्लोगन तार-तार होता हुआ नजर आया. जब कोई अपने नवजात को सड़क किनारे छोड़कर फरार हो गया.

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क्या था मामला ?
मधेपुरा (Madhepura) जिले के मुरलीगंज थाना अंतर्गत पकिलपार गांव में कोई निर्दयी मां नवजात बच्ची (Infant) को सड़क किनारे छोड़कर फरार हो गयी. बच्ची के रोने की आवाज सुनकर स्थानीय लोग पहुंचे और उसे सकुशल उठाकर मुरलीगंज थाना (Murliganj Police station) पहुंचाया.

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नवजात को सड़क किनारे फेंका
अगर बच्ची पर लोगों की नजर नहीं पड़ती तो कुत्ता या कोई अन्य जानवर नोंच कर खा जाता. आज भले ही सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है और बेटी के लिए एक से बढ़कर एक योजना बना रही है, ताकि बेटी को लोग बोझ नहीं समझे. लेकिन समाज में अभी भी निर्दयी और कलंकित मां-बाप हैं, जो बेटी को बोझ समझकर सड़क किनारे छोड़ आते हैं.

नवजात का अस्पताल में चल रहा इलाज
मिली जानकारी के मुताबिक मुरलीगंज पुलिस बच्ची को तुरंत स्थानीय अस्पताल भेजकर चिकित्सक के देख-रेख में इलाज करवा रही है. उच्चाधिकरी को इसकी सूचना देते हुए आगे की कार्रवाई करने में जुट गई है.

क्या कहते हैं स्थानीय
स्थानीय लोगों का कहना है कि समाज में व्याप्त दहेज प्रथा के डर से बेटी के साथ इस तरह का खिलवाड़ कर रहे हैं, जो उचित नहीं है. अब तो सरकार बेटी की मुफ्त शिक्षा और अन्य हर तरह की मदद कर रही है फिर भी ना समझी में इस तरह के कदम उठा रहे है.

कहते हैं बेटी है तो दुनियां है. आज हर क्षेत्र में बेटी बेटे के बराबरी में कंधे से कंधा मिला कर चल रही है, या यूं कहें बेटे से कहीं ज्यादा आगे है. फिर भी समाज के कुछ लोग इस तरह के घृणित कार्य कर रहे हैं. यह सभ्य समाज के लिए कलंक है.

क्या है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
सरकार द्वारा देश की बेटियों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए समय-समय पर कई सारी योजनाएं आरंभ की जाती है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का आरंभ 22 जनवरी 2015 को हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के द्वारा किया गया है.

इस योजना के अंतर्गत बेटी के माता पिता को बेटी का बैंक अकाउंट किसी राष्ट्रीय बैंक या फिर नजदीकी पोस्ट ऑफिस में खुलवाना होगा. जिसके अंतर्गत उन्हें बेटी के बैंक अकाउंट खोलने से लेकर 14 वर्ष की आयु तक एक निर्धारित धनराशि जमा करनी होगी. यह बैंक अकाउंट बेटी के जन्म से 10 वर्ष की आयु तक खुलवाया जा सकता है.

इस Beti bachao beti padhao yojanaको हमारे देश की बेटियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए और उनका भविष्य उज्जवल बनाने के लिए आरंभ किया गया है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत बेटी के 14 वर्ष होने तक माता-पिता को धनराशि जमा करनी होगी. बेटी के 18 वर्ष के होने के बाद इस धनराशि का 50% निकाला जा सकता है और बेटी के 21 वर्ष पूरा होने के बाद बेटी के विवाह के लिए पूरी धनराशि निकाली जा सकती है.

बालिकाओं को सुकन्या समृद्धि योजना का भी मिलेगा लाभ
जैसे कि आप सभी लोग जानते है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना बालिकाओ के उज्जवल भविष्य के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी एक लाभकारी योजना है. अब केंद्र सरकार देश की बालिकाओ को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत दस वर्ष तक की बालिकाओं के लिए सुकन्या समृद्धि योजना की सुविधा उपलब्ध करा रही है. अब देश की लड़किया बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के साथ साथ सुकन्या समृद्धि योजना का भी लाभ उठा सकती है.

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