मधेपुरा: बिहार के मधेपुरा जिले में मध्याह्न भोजन खाने से 2 दर्जन से ज्यादा बच्चे बीमार (Madhepura mid day meal food poisoning) पड़ गए. मामला मुरलीगंज प्रखंड के काशीपुर स्थित रामचंद्र रामेश्वर लाल सोनी मध्य विद्यालय का है. डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे फूड पॉइजनिंग के शिकार हुए हैं. एक अभिभावक ने बताया कि खाना बासी और खट्टा था. जिसे खाने के बाद बच्चों में पेट दर्द की शिकायत आई. शिकायत मिलते ही टीचर ने जब मिड-डे-मील को चखा तो खाना खट्टा लगा. टीचर ने बताया कि उन्होंने जैसे ही खाना चखा तो NGO द्वारा भेजा गया खाना खट्टा लगा. जब तक उन्होंने खाना परोसने से मना किया कुछ बच्चों ने मिड-डे-मील का सेवन कर लिया था. बच्चों को पेटदर्द होने पर उन्हें तुरंत ही मुरलीगंज CHC ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने भर्ती करके इलाज शुरू कर दिया.
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जिन बच्चों का इलाज चल रहा है उनके नाम हैं नरगिस खातून (9 वर्ष), सुमित कुमार (9 वर्ष), मनु कुमार (11 वर्ष), सोनाक्षी कुमारी (9 वर्ष), सुमित कुमार (8 वर्ष), मनीषा कुमारी (7 वर्ष), नंदनी कुमारी (8 वर्ष), कीर्ति कुमारी (8 वर्ष), मीनाक्षी कुमारी (7 वर्ष). इन बच्चों के अलावा लगभग 2 दर्जन बच्चे बीमार चल रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक सभी बच्चों की हालत खतरे से बाहर है. इस मामले में ब्लाक खंड शिक्षाधिकारी ने कहा है कि ये बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही है. इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
घटना की सूचना पाते ही विद्यालय पहुंचे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी गुणानंद सिंह ने मध्याह्न भोजन का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने मौके पर भोजन उपलब्ध करवाने वाले NGO को फोन करके लताड़ लगाई. इस मामले में प्रखंड शिक्षा अधिकारी गुणानंद सिंह ने कहा कि खराब भोजन होने की वजह से खाना जहरीला हो गया था. इस वजह से बच्चों में फूड पॉइजनिंग की समस्या देखने को मिली. गनीमत ये रही की सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं. उनका इलाज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा पोषण योजना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए चलाया गया है, लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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