मधेपुरा:कोसी का इलाका माछ और मखाना के लिए प्रसिद्ध है. वहीं, अब जिले में परम्परागत खेती को छोड़कर किसान मछली पालन की ओर आकर्षित हो रहे हैं. यही कारण है कि हर गांव में किसान तालाब का निर्माण करने लगे हैं. किसानों का कहना है कि हकीकत सामने आने लगा है. वह दिन दूर नहीं जब आंध्र प्रदेश की मछली पर आश्रित पूरे बिहार के बाजारों में कोसी की मछली निर्यात की जाएगी.
मधेपुरा सदर प्रखंड के धुरगांव पंचायत स्थित बखरी गांव के प्रगतिशील मछली पालक किसान आलोक कुमार यादव ने दस एकड़ में तालाब का निर्माण कर पहली बार मछली पालन किया. पिछले दो माह से लाखों रुपये की मछली बेचकर अच्छी आमदनी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अन्य परम्परागत खेती से अच्छी आमदनी मछली पालन में हो रहा है. इस क्षेत्र में मछली पालन की संभावना अत्यधिक है. इसलिए हर किसान को अगर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए मछली का पालन करना चाहिए. आलोक कुमार यादव के मुताबिक मछली पालन में कम लागत में अच्छी आमदनी हो रही है.