मधेपुरा:कोरोना महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन है. लेकिन सरकार की ओर से निर्देश जारी कर कहा गया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर बिजली बिल वसूला जाए. हालांकि इसके विपरीत विभाग के आरएलएफ कर्मचारी संघ ने बिल की वसूली कार्य का वहिष्कार कर दिया.
बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी के दौरान बिजली विभाग की ओर से इन कर्मचारियों को उचित भत्ता नहीं दिया जा रहा है. इसी वजह से नाराज ग्रामीण फ्रेंचाइजियो ने बिजली बिल वितरण और राजस्व वसूली कार्य का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया है. जिसकी वजह से ग्रामीण इलाकों में बिजली बिल की वसूली का काम ठप है.
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नहीं दिया गया कोई किट
बता दें कि मधेपुरा जिले में कुल 117 ग्रामीण फ्रेंचाइजी कार्यरत है. लेकिन विभाग की ओर से अब तक उन्हें भत्ता और कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क और सेनेटाइजर उपलब्ध नहीं कराया गया है. जिस कारण से नाराज कर्मीयों ने राजस्व वसूली का काम बंद कर दिया है. हालांकि इस मामले को लेकर कर्मचारी संघ की ओर से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ई-मेल भेजकर लॉकडाउन के दौरान काम करने के भत्ते सहित 6 सूत्री मांगों को पूरा करने की मांग की गई है.
बिजाली विभाग के कर्मचारियों ने पीएम और विभाग को लिखा लेटर 'विभाग कर रहा है हमारी उपेक्षा'
इस मामले को लेकर आरएलएफ संघ के उपाध्यक्ष जीडी बच्चन ने कहा कि विद्युत विभाग में ग्रामीण फ्रेंचाइजी के तौर पर हम सभी साल 2013 से काम कर रहे हैं. शुरुआती दौर में हमें 10 प्रतिशत कमीशन देने का प्रलोभन दिया गया. लेकिन बाद में उसे 3 प्रतिशत कर दिया गया. हम दिन-रात धूप और बरसात में मेहनत कर बिल की वसूली करते हैं, लेकिन विभाग हमारी उपेक्षा कर रहा है.
विभाग को सौंपा 6 सुत्री मांगपत्र अधिकारी ने प्रतिक्रिया देने से किया इंकार
इसके अलावे उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से हम सभी बेरोजगार हो गए हैं. हमें समय पर पैसा भी नहीं मिल रहा है. साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर विभाग की ओर से हमें कोई सुरक्षा किट भी उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है. इसी कारण से हमने वसूली के कार्य का बहिष्कार कर दिया है. वहीं, इस मामले पर विद्युत विभाग के अधिकारी कुछ भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर रहे हैं.