मधेपुरा:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(CM Nitish Kumar) ने ताड़ी के धंधे से जुड़े परिवारों से अपील की है कि वे इस काम को छोड़कर नीरा का उत्पादन करें. उन्होंने कहा कि ताड़ी के बदले नीरा का उत्पादन (Production of Neera Instead of Toddy) करने वाले लोगों को राज्य सरकार मदद भी देगी. मधेपुरा में समाज सुधार अभियान (Samaj Sudhar Abhiyan) के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि नीरा का व्यवसाय करने के लिए ऐसे लोगों को एक लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
ये भी पढ़ें: समाज सुधार अभियान में बोले CM नीतीश- 'शराब से आता था ₹5000 करोड़ का राजस्व, लेकिन हमें परवाह नहीं'
शराबबंदी कानून लागू रहेगा: मुख्यमंत्री ने कहा नीरा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है और पीने में स्वादिष्ट भी लगता है. उन्होंने कहा कि मैंने भी एक बार इसे चखा है. इसलिए ताड़ी और शराब पीना छोड़कर नीरा ही पिएं. सीएम ने कहा कि सामाजिक कलंक को मिटाने के लिए हमने शराब से होने वाली 5 हजार करोड़ के राजस्व का परवाह नहीं किया और बिहार में पूर्ण शराब बंदी कानून लागू कर बड़ा कदम उठाया. इसी का परिणाम है कि इस कानून से समाज के लोगों में सुख शांति आने लगी है तो कुछ लोग उल्टे राग अलापने लगे कि शराब बंदी कानून में ढील दिया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने ठान लिया है कि समाज से कुरीतियों को खत्म करने के लिए शराब बंदी कानून हर हाल में लागू रहेगा,चाहे जो भी हो.
नीरा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद: बीएन मंडल स्टेडियम में आयोजित समाज सुधार अभियान कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नीरा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. उन्होंने जीवन में कभी नशापान नहीं किया लेकिन चखने की नीयत से एक दिन थोड़ा सा पीकर देखे हैं, स्वाद बहत ही अच्छा लगा. जल्द ही नीरा का निर्माण कर उसे बेचने का आदेश बिहार में दिया जाएगा. नालंदा जिले में नीरा काफी मात्रा में तैयार हो सकते हैं, क्योंकि उस इलाके में पेड़ सबसे अधिक हैं. उन्होंने कहा कि नीरा को सतत रोजगार योजना के रूप में लागू कर इस रोजगार को करने वाले लोगों को एक लाख रुपए सरकारी स्तर पर दिया जाएगा.